आपदा है अवसर नहीं: ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, जीवन रक्षक द्ववाईयों पर जीएसटी हो माफ, जनहित में उठ रही माँग
Ten News Network
जहाँ एक तरफ कोरोना महामारी की दूसरी लहर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है वहीं दूसरी ओर सरकार अभी भी कोरोना बचाव और इलाज से जुड़ी विभिन्न वस्तुओं पर टैक्स वसूल रही है।
जीवनदायिनी ऑक्सीजन की किल्लत के बाद अब बाजार से जीवनरक्षक दवाइयों, नेबुलाइजर और पल्स ऑक्सिमेटिर की भी किल्लत होने लगी है या ये सब बेहद महँगे दामों पर बेचे जा रहे हैं।
कोरोना काल से पहले पल्स ऑक्सीमीटर 650 रुपये तक में आसानी से मिलता था। मगर जानकारों के मुताबिक अब यह होल सेलरों को ही 1200 से 1300 रुपये तक में मिल रहा है। जीएसटी आदि सभी प्रकार के खर्च निकालकर इसे 1500 से लेकर 1600 रुपये तक दुकानदार बेच रहे है। और यह कीमत प्रतिष्टित दुकानों के काउंटर की है, कालाबाजारी करने वाले तो यही समान और भी महँगा दे रहे।
ऐसे में पीड़ित व्यक्तियों, मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, ऑक्सिमेटिर जैसी चीजों पर जीएसटी जैसे करों को माफ करने की मांग चारो ओर उठ रही है। एनसीपी, टीएमसी जैसी राजनीतिक पार्टियों ने इस बाबत भारत सरकार को पत्र भी लिखें हैं। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के साथी, दुष्यंत चौटाला ने भी ऐसी वस्तुओं पर जीएसटी हटाने की माँग की है। साथ ही स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चला गया है। परन्तु सरकार की तरफ से अभी तक इस विषय पर कोई भी आस्वाशन या घोषणा नहीं की गई है। ऑक्सिजन कंसेंट्रेटर्स के इम्पोर्ट पर कस्टम ड्यूटी औऱ आईजीएसटी तो हटा दिए गए है पर जीएसटी की मार अभी भी लोगों को झेलनी पर रही है।
ऐसी में बेहतर होता की अगर सरकार संवेदनशील निर्णय लेते हुए इस आपदा को अवसर में बदलने की अपनी जिद त्याग, लोगो के जान-माल को प्राथमिकता देते हुए ऐसे टैक्सेज को हटा जरूरी राहत प्रदान करती ।