क्यों मोदी हैं सभी राजनेताओं से अलग? ‘मोदी द गेम चेंजर’ किताब के लेखक से जानें मोदी की खास खूबियां
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (23 मार्च 2022): बुधवार को टेन न्यूज लाइव प्लेटफार्म पर ‘मोदी द गेम चेंजर’ पुस्तक एवं संबंधित विषय पर व्यापक चर्चा की गयी। कार्यक्रम का संचालन ग्रेड्स इंटरनेशनल स्कूल की प्रधान अध्यापिका अदिति बसु रॉय ने किया, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुस्तक के लेखक सुदेश वर्मा मौजूद रहे।
संचालिका अदिति ने दर्शकों को सुदेश वर्मा का संक्षिप्त परिचय एवं उनके कार्य उपलब्धियों से रूबरू करवाते हुए कार्यक्रम को प्रारम्भ किया। आपको बता दें कि वर्मा भारतीय जनता पार्टी के ‘राष्ट्रीय मीडिया कन्वेनर’ हैं, वो एक चर्चित अधिवक्ता हैं एवं प्रसिद्ध लेखक एवं स्तंभ लेखक हैं।उनकी अपनी प्रकाशन गृह है।
परिचर्चा के विषय के अनुरूप सुदेश वर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘मोदी द गेम चेंजर’ के विषय वस्तु से दर्शकों को अवगत कराया गया। प्रारम्भ में अदिति ने वर्मा से संक्षिप्त में उनकी जीवन यात्रा के विषय में पूछा, जिसका जबाब देते हुए वर्मा ने कहा कि “प्रत्येक व्यक्ति अपने देश के लिए अपनी सफलता के लिए कुछ करना चाहता है, मैंने अलग अलग जगहों पर, अलग अलग लोगों के साथ काम किया है, अंततः मैं पॉलिटिक्स में आ गया। पूर्व में मैं पत्रकार था।”
पुस्तक के विषय के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि “मैनें मोदी जी के विषय में बहुत अध्यन किया है, और मैं समझता हूँ कि वर्तमान समय में मोदी जी जैसे नेता की देश को अति आवश्यकता थी, जो लोगों में विश्वास पैदा कर सकें, जो समाज को एक दिशा प्रदान कर सकें। हम लोग बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारे पास मोदी जी जैसे व्यक्तित्व मौजूद हैं।”
आगे उन्होंने कहा कि सत्ता को आप क्या मानते हैं यह काफी महत्वपूर्ण है, यदि सत्ता को आप साध्य मानते हैं तब पैसा, रूतबा, प्रतिष्ठा पर आकर बात रुक जाती है। लेकिन यदि पैसे को आप साधन मानते हैं समाज में एक बदलाव का, राजनीति में एक बदलाव का तो आप एक आम आदमी को बता सकते हैं कि उसकी ताकत क्या है। हमें बहुत बुरा लगता है कि जब हम ड्राइविंग लाइसेंस या कोई अन्य कागजात बनाने जाते हैं और हमें रिश्वत देना पड़ता है। मोदी जी ने डिजिटल करके इन चीजों को पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट कर दिया है। और उसी समय मैंने ये अंदाजा लगा लिया था कि यह व्यक्ति प्रधानमंत्री बनने योग्य हैं और आगे चलकर ऐसा ही हुआ। मैं बहुत लकी हूँ कि पार्टी ने मुझे इस पद पर आसीन किया, कई डिबेट्स में पार्टी का पक्ष रखने का मौका मिला।
परिचर्चा को आगे बढाते हुए अदिति ने सुदेश वर्मा की लेखनी, उनके लेखनी में बारीकी, भावनात्मकता,आदि की तारीफ करते हुए पूछा कि आप मोदी जी कैसे प्रभावित हुए और उनके विषय में किताब लिखने का रुझान कँहा से आया?
इन प्रश्नों का उत्तर देते हुए वर्मा ने कहा कि मैं इम्प्रेस करने के लिए नहीं लिखता, मैं संवाद (कम्युनिकेट) करने के लिए लिखता हूँ। जब मैं भावनाओं के साथ लिखता हूँ तो शब्द स्वत: चले आते हैं। मैं लोगों के साथ जुड़ने में भरोसा रखता हूँ, वो क्या कह रहे हैं या कहना चाहते हैं मैं उसे व्यक्त करने की कोशिश करता हूँ। कश्मीर फाइल्स पर आलेख लिखने से पहले मैंने फ़िल्म देखी,वास्तविकताओं को समझा और तब जाकर मैने वो आलेख लिखा। मैनें 1990 के दौर में जब लोगो ने कश्मीर से पलायन किया था तब उसका अध्यन किया था इसीलिए मैं लोगों के दर्द को समझ सकता हूँ। और लोगों ने काफी उसकी सराहना की है, क्योंकि उन्होंने समझा कि आखिर मैं क्या कहना चाहता हूँ। और मैं सरल और सहज लिखने में विश्वास करता हूँ।
परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए अदितिजी ने पुस्तक का नाम ‘ मोदी द गेम चेंजर’ के विषय में पूछा, उन्होंने पूछा कि आपको ऐसा कौन सा बदलाव दिखता है जो मोदी जी के कारण हुआ। इसका जबाब देते हुए वर्मा ने कहा कि “अदिति जी इस काम के लिए मैं अपने पत्रकारिता प्रोफ़ेशन को धन्यवाद देना चाहूंगा कि मैं नेताओं को अन्य की अपेक्षा अधिक समझने योग्य हूँ, मुझे एहसास हुआ कि यह वह व्यक्ति है जिसमें वह क्षमता है कि वो गहराई में जाकर समस्याओं को समझ सकता है और फिर उसका समाधान ढूँढ़ सकता है। ये समाधान के लिए सभी लोगों की सुनता है, किसी भी क्षेत्र में चाहे वो कृषि हो या अन्य क्षेत्र आप तभी गेम चेंज कर सकते हैं जब आपके पास समस्याओं का समाधान हो।बतौर नेता नरेंद्र मोदी जी समाधान पर अधिक ध्यान देते हैं और इसीलिए मैंने उन्हें गेम चेंजर कहा क्यूंकि वो गेम को चेंज कर देते हैं।
“हाँ हो सकता है कि कई बार वो असफल हो जाते हो लेकिन वो अलग विषय है, आपको समाधान ढूंढ़ना चाहिए, और नेताओं में यही खासियत होनी चाहिए कि वो स्टेप ले सके, वो रिस्क ले सके। यदि आप उनके कार्य को देखें तो आत्मनिर्भर भारत जिसके कारण भारत की सेनाओं में िस्ती मजबूती आई है, पहले हम बुलेट प्रूफ जैकेट दूसरे देशों से आयात करते थे लेकिन आज हम दुनिया के सौ देशों में इसे निर्यात करते हैं।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अदिति ने सवाल किया कि आपको मोदी जी और योगी जी में कोई समानता दिखती है, उनके कार्य शैली में कोई एकरूपता दिखती है।
इसका जबाब देते हुए वर्मा ने कहा कि काफी समानताएं हैं, दरसल मोदी जी ने देश को एक गुड गवर्नेंस (सुशासन) का मॉडल दिया है और बीजेपी शासित जितने भी राज्य हैं वहाँ के मुख्यमंत्री उन्हें फॉलो कर रहे हैं। योगी जी ने भी मोदी जी की सभी योजनाओं को लागू किया है वो गुजरात मॉडल और सुशासन को फॉलो कर रहे हैं। अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो सबसे बड़ा प्रदेश है जँहा 80 लोकसभा की सीटें हैं वँहा लॉ एंड आर्डर से लोग काफी खुश हैं। उपद्रवियों के लिए जेल का रास्ता है इसीलिए लोग उनकी काफी रिस्पेक्ट करते हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक बेहतरीन जोड़ी है – योगी जी, मोदी जी, जेपी नड्डा, अमित शाह, इसलिए यह देश के लिए बहुत अच्छा समय है। योगी जी कहते हैं हम उत्तप्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएंगे और वहीं मोदी जी देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कर रहे हैं। यह कोई बहुत कठिन कार्य नहीं है यदि मुम्बई 1 ट्रिलियन डॉलर की मदद करें, दिल्ली 1 ट्रिलियन डॉलर की मदद करे, और भी राज्य हैं जो मदद करें तो यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
कार्यक्रम में मदन कुमार नाम के एक सज्जन ने पूछा कि आप मोदी जी को बहुत करीब से फ़ॉलो करते हैं, आपने उनमें ऐसा क्या देखा जो अन्य लोगों को भी फ़ॉलो करना चाहिए। इसका जबाब देते हुए वर्मा ने गाँधी जी का जिक्र करते हुए कहा कि गांधी की भांति मोदी जी भी आखिरी व्यक्ति के बारे में सोचते हैं जिसके पास कोई आवाज नहीं है, लेकिन वो लोकतंत्र में विश्वास रखता है, और यही सीखने वाली बात है।
कार्यक्रम के आखिरी पड़ाव पर जब वर्मा से मोदी जी के उनकी किताब पर रिएक्शन को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो बेहद खुश थे और उन्हें शायद उम्मीद नहीं थी की कोई उन्हें ‘गेम चेंजर’ की उपाधि देगा।
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