कोरोना के खिलाफ दिल्ली सरकार ने बदली रणनीति,कहा – डोर टू डोर सर्वे अच्छा नही है विकल्प
ROHIT SHARMA
नई दिल्ली :– दिल्ली कोरोना की महामारी से जूझ रही है. हर रोज तेजी से बढ़ती कोरोना संक्रमितों की तादाद परेशानी का सबब बन गई है. कोरोना की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में फिर से रणनीति बदली गई है।
दिल्ली सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, इंडियन काउंसिल ऑफ मे़डिकल रिसर्च , नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और नीति आयोग के साथ मिलकर नया प्लान तैयार किया है ।
नए प्लान में कहा गया है कि दिल्ली में डोर टू डोर सर्वे अच्छा विकल्प नहीं है. दिल्ली को आबादी और इलाकों के आधार पर तीन हिस्सों में बांटकर काम किया जा सकता है. इस प्लान में दिल्ली को कंटेनमेंट जोन, आइसोलेट केस वाले इलाके और ऐसे इलाके, जहां अब तक कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है, में बांटने की बात कही गई है।
आइसोलेट केस वाले इलाकों को भी दो कैटेगरी में बांटा जाएगा. पहला ऐसे इलाके जहां पिछले 28 दिन से आइसोलेट केस आ रहे हैं. दूसरा ऐसे इलाके जहां रुक-रुककर आइसोलेट केस आ रहे हैं ।
दिल्ली सरकार ने यह प्लान जिलाधिकारियों को भेज इसे लागू करने के लिए कहा है. जिलाधिकारियों को भेजे गए प्लान में कहा गया है कि इस रणनीति की 10 जुलाई के बाद समीक्षा की जाएगी. जिलाधिकारियों से डोर टू डोर सर्वे का जिक्र करते हुए कहा गया कि पहले से ही अतिरिक्त कंटेनमेंट जोन के चलते एक बड़ी आबादी इंटरनल सर्विलांस का हिस्सा है. इसमें लगभग सभी क्लस्टर केस समाहित हैं, जो सभी केस का करीब 43 फीसदी है ।
सरकार ने डोर टू डोर सर्वे से संबंधित व्यावहारिक कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा गया कि इससे हाई रिस्क एरिया और कंटेनमेंट जोन में चल रहे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में भी बाधा आ सकती है. यह इतना उपयोगी नहीं होगा. सरकार ने कंटेनमेंट जोन में सर्विलांस को मजबूत करने पर जोर दिया है. कंटेनमेंट जोन में सर्विलांस बढ़ाने के साथ ही यहां टेस्टिंग कराने, क्वारनटीन करने और उसका फॉलोअप करने पर भी जोर देने को कहा गया है ।
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