बजट को लेकर गौतमबुद्ध नगर के गणमान्य लोगों ने दी प्रतिक्रिया , पढें पूरी खबर
Ten News Network
केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 का बजट पेश किया गया जिसको देखते हुए टेन न्यूज़ लाइव द्वारा एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिस का विषय रहा, “केंद्रीय बजट 2021 जनता का या बड़े पूंजीपतियों का”।
इस परिचर्चा में भाग लेने के लिए हमारे बीच प्रोफेसर बीपी शर्मा (वाइस चांसलर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय),विजय कलंत्री(अध्यक्ष ऑल इंडिया इंडस्ट्रीज एसोसिएशन मुंबई), सुशील कुमार जैन (अध्यक्ष सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन), राजीव गोयल (पावर क्षेत्र विशेषज्ञ), संजय कोहली (यामाहा डीलर्स एसोसिएशन), पीके तिवारी (इंडस्ट्रियल एंतरप्रेनॉर एसोसिएशन), संजीव शर्मा (इंडस्ट्रियल एंतरप्रेनॉर एसोसिएशन), उमेश बत्रा (आईआईए नोएडा), विशारद गौतम (आईआईए जीआर नोएडा), मनोज गर्ग (उद्योग व्यापार मंडल ग्रेटर नोएडा), प्रोफेसर राजेश सहाय(हाई रैंक बिजनेस स्कूल), जितेंद्र पारीक(लघु उद्यमी), रंजन तोमर (ग्राम समाजसेवी) आदि डॉक्टर सिद्धार्थ गुप्ता (कंसलटिंग एडिटर टेन न्यूज़ नेटवर्क एवं सीनियर हेल्थ एडवाइजर एंटी कोरोना टास्क फ़ोर्स) शामिल हुए।
परिचर्चा को दिशा देते हुए परिचर्चा के संचालक डॉ सिद्धार्थ गुप्ता ने उमेश बत्रा से सवाल किया की आज आए बजट पर उनके क्या विचार हैं जिसके जवाब में उमेश बत्रा बोले कि, इस बजट से अपेक्षाएं तो काफी थी पर इस बजट में नुकसान भी नहीं दिख रहा है, वर्तमान परिवेश में भारत और चीन के बीच विश्व बाजार में एक प्रतिद्वंदिता चल रही है जिसमें भारत को आगे बढ़ाने के लिए हमें वस्तु निर्यात मैं काफी छूट मिलनी चाहिए थी पर ऐसा कुछ इस बजट में दिखा नहीं, उद्योगों में इस्तेमाल की जाने वाली धातुओं का मूल्य भी दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है ऐसे में हमें अपेक्षाएं थी कि सरकार इन के बढ़ते मूल्यों पर रोक लगाएगी।
उमेश बत्रा जीडीपी में 10% उछाल वाली बात पर बोले कि यह बिल्कुल संभव है क्योंकि भारत पुनः से विश्व भर में निर्यात सेवाएं प्रारंभ करने वाला है और भारत के बाजार को विश्व के सभी देश संभावनाओं की दृष्टि से देख रहे हैं। भारत सरकार के बजट में भी यह साफ-साफ जल का है कि भारत सरकार प्रोडक्शन को बढ़ावा देना चाहती है।
परिचर्चा आगे बढ़ी तो प्रोफेसर सिद्धार्थ गुप्ता ने संजीव शर्मा से केंद्रीय बजट 2021 पर उनका मत जाना चाहा जिस पर संजीव शर्मा ने कहा, 2021 के केंद्रीय बजट में मुख्यतः मैन्युफैक्चरिंग को बल दिया गया है, संजीव शर्मा ने कुछ बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि इंपोर्ट ड्यूटी को इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में बढ़ाया गया है ताकि देश भर में इलेक्ट्रॉनिक चीजों को बढ़ावा दिया जा सके।
लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए जैसा कि नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस के समय कहा था लोकल से वोकल उसको बढ़ावा देते हुए इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ाया गया है जिससे छोटे व्यापारियों और उद्योगों को फायदा होगा।
संजीव शर्मा बोले कि पिछली बार का बजट 75 सौ करोड़ का था जबकि इस वर्ष का बजट लगभग 15 हजार 700 करोड़ का है।
परिचर्चा आगे बढ़ी तो परिचर्चा संचालक सिद्धार्थ गुप्ता ने राजीव गोयल से कहा कि क्या आप बजट 2021 से संतुष्ट हैं जिस पर राजीव गोयल बोले, हमारे देश का जो पावर सेक्टर है उसका देश को चलाने में बहुत बड़ा योगदान है, और निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश का 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफिशन किया जाएगा और स्क्रैब पॉलिसी लाई जाएगी अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर पावर की मांग बढ़ेगी, और बात यदि इलेक्ट्रिफिकेशन की करें तो आने वाले दिनों में भारत बैटरी उद्योग में बहुत अच्छा कर सकता है ऐसी संभावनाएं हैं और यदि ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर यह बजट पावर सेक्टर के लिए बहुत अच्छा साबित होगा।
बजट पर एडवोकेट रंजन तोमर ने अपना विचार रखते हुए कहां कि, कोरोनावायरस के लिए जो 35 हजार करोड़ रुपए दिए गए वह बहुत ही आवश्यक थे, इसके अलावा नई स्क्रैब नीति जो आने वाली है वह बहुत ही अच्छी है इससे पर्यावरण को फायदा होगा प्रदूषण की समस्या कम होगी। इसके साथ-साथ सौर ऊर्जा के लिए भी 1 हजार करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है जो प्रशंसनीय है। सरकार ने इस बार गेहूं खरीद के लिए 75 हजार करोड रुपए दिए हैं इससे किसानों का फायदा होगा।
परिचर्चा में आगे बात करने के लिए प्रोफेशन सिद्धार्थ गुप्ता ने गौतम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर भगवती प्रकाश वर्मा को आमंत्रित किया, जिस पर प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा बोले कि बजट 2021 में निश्चित तौर पर स्कूली शिक्षा और महाविद्यालय शिक्षा पर जोर दिया गया है बजट में 15 हजार विद्यालयों को अपग्रेड करने की जो बात कही गई है और इसके अलावा उच्च शिक्षा संस्थानों के नेटवर्क को बड़ा करने की जो बात कही गई है वह बहुत सराहनीय है इसके अलावा युवाओं को रोजगार के लिए भी सरकार ने प्रयास किया है।
इसी बीच सिद्धार्थ गुप्ता ने प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा से प्रश्न किया कि कोरोनावायरस केंद्रीय बजट कितना खास है और कितना सफल हो सकता है?
जिसके जवाब में भगवती प्रकाश शर्मा बोले मुझे लगता है कि यह, एक बैलेंस इकोनामिक ग्रोथ वाला बजट है , सरकार ने बजट के सभी स्तंभों पर कार्य किया है।
परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए प्रोफेसर सिद्धार्थ गुप्ता ने संजय कोहली से उनका मत जानने का प्रयास किया कि वह क्या सोचते हैं केंद्रीय बजट 2021 के बारे में संजय कोहली बोले, हमारी उम्मीद थी कि जीएसटी विशेष रुप से दोपहिया वाहनों पर कम की जाए क्योंकि आज के दौर में दो पहिया वाहन कोई भी लग्जरी चीज नहीं है वह एक जरूरत है लेकिन जीएसटी कम नहीं हुई दूसरी बात केंद्र सरकार की स्क्रैब पॉलिसी टू व्हीलर के लिए भी आनी चाहिए और इसकी बहुत आवश्यकता है। गवर्नमेंट के पास गाड़ियों को पकड़कर उनको रखने के लिए जगह भी नहीं है इसीलिए इस पर भी सुधार किया जाना चाहिए कुछ।
परिचर्चा के बीच में यूके शर्मा ने अपना मत रखते हुए कहा कि, गवर्नमेंट की जो सोच है मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस मै इसका बहुत सम्मान करता हूं, हमारी आदत है कि हम बस उम्मीद करते हैं कि सरकार हमें क्या दे रही है लेकिन एक व्यापारी एक देश का जिम्मेदार नागरिक होते हुए हमारा दायित्व बनता है कि हम कुछ देश को दें। मेरे हिसाब से इस बार का बजट देश को एक नई दिशा में ले कर जा रहा है एक नई सोच का गठन कर रहा है और यह बहुत ही अच्छा है। एक समय था जब हम ग्लोबल इकोनामिक के 33% भाग हुआ करते थे हमें उस पर विचार करना चाहिए।
परिचर्चा आगे बढ़ाते हुए सिद्धार्थ गुप्ता ने राजीव कलंत्री से इस बार के बजट के बारे में प्रश्न किया तो विजय कलंत्री ने कहा कि, ऑटो सेक्टर में जीएसटी 28 परसेंट है और स्ट्रेट टेक्स्ट को जोड़ दें तो करीब 53 परसेंट टैक्स बन जाता है और बिल्कुल यही प्रक्रिया पेट्रोल-डीजल के साथ भी है, राजीव कलंत्री बोले कि मुझे लगता है केंद्र और राज्य सरकार में प्रतिद्वंदिता है टैक्स को बढ़ाने की, देश में अफसरशाही बढ़ती जा रही है जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है।
जिसकी बात का खंडन करते हुए यूके शर्मा बोले कि यदि टैक्स ज्यादा होता तो हिंदुस्तान में मैकडॉनल्ड्स और पिज़्ज़ा हट कभी भी अपने पांव नहीं जमा पाते।
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