पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आरोप , मनसुख हिरेन की हुई हत्या , मामले की जाँच एनआईए करें  

Ten News Network

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नई दिल्ली :– महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया बवाल का सबब बने मनसुख हिरेन की मौत के मामले में गहमागहमी बढ़ती जा रही है। वही इस मामले में आज पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस वार्ता कर इस मामले में राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मनसुख हिरेन की मौत को हत्या करार दिया। फडणवीस ने कहा कि यह बात सामने आनी चाहिए कि हाईप्रोफाइल मामला वाजे को सौंपने के पीछे वजह क्या रही?

 

फडणवीस ने आरोप लगाया कि मनसुख हिरेन की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि हिरेन को मारने के बाद शव को खाड़ी में फेंका गया। लो टाइड की वजह से शव बहा नहीं, अगर शव हाई टाइड में चला जाता तो मिलता ही नहीं।

उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हिरेन के फेफड़ों में पानी नहीं है। अगर हिरेन की मौत पानी में डूबने से हुई होती तो फेफड़ों में पानी दिखता। इससे साफ है कि हिरेन की हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनसुख हिरेन का गला घोटने की जानकारी सामने आई है।

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सचिन वाजे मनसुख हिरेन को जानते थे। उन्होंने कहा कि वाजे मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और शिवसेना के मंत्रियों के साथ नजर आते थे। उन्होंने दावा किया कि वाजे को वसूली के लिए लाया गया था और साजिश के तहत वाजे ने ही मनसुख से पूछताछ की थी।

उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच एटीएस को नहीं करनी चाहिए बल्कि एनआईए के हाथ में दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि  परमबीर सिंह और सचिन वाजे बहुत छोटे लोग हैं। इसकी जांच होनी चाहिए कि इनके पीछे कौन लोग हैं।

 

फडणवीस ने कहा कि ये पूरा मामला अकेले सचिन वाजे के बस की बात नहीं थी। सचिन वाजे और परमबीर सिंह जैसे लोग बहुत छोटे हैं। उन्होंने कहा कि इनके पीछे कौन लोग हैं कौन इन्हें नियंत्रित कर रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए।

भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना ने सचिन वाजे के लिए दबाव बनाया। मनसुख हिरेन की वाजे से लगातार बातचीत हुई थी। सचिन वाजे वसूली के लिए बदनाम था। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री सचिन वाजे का बचाव क्यों कर रहे हैं। मुंबई में अपराध का राजनीतिकरण हुआ।

 

भाजपा नेता ने कहा, मुंबई में जिलेटिन स्टिक से भरी एक कार पाई गई और जिस प्रकार से पुलिस महकमे से इस प्रकार की गाड़ी प्लांट की जाती है और उसके बाद की घटनाओं में सबसे बड़ी कड़ी मनसुख हिरेन का जिस प्रकार से खून किया जाता है, ऐसा मुंबई और महाराष्ट्र के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। फडणवीस ने कहा कि अगर रक्षा करने वाले इस तरह अपराधी तत्व बन जाएं तो सुरक्षा कौन करेगा ये सवाल है? इसमें सबसे अहम सवाल ये है कि एपीआई सचिन वाजे को नौकरी में वापस क्यों लिया गया?

 

पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने आरोप लगाया कि कोरोना के बहाने वाजे की बहाली की गई। उन्होंने कहा कि सचिन वाजे साल 2004 में सस्पेंड हुए, 2007 में उन्होंने वीआरएस (एच्छिक सेवानिवृत्ति) दिया लेकिन उनके ऊपर चल रही इन्क्वायरी के चलते उनका वीआरएस स्वीकार नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि साल 2018 में जिस समय मैं मुख्यमंत्री था उस समय शिवसेना की ओर से दबाव बनाया जा रहा था कि एपीआई सचिन वाजे को फिर एक बार सरकार की सेवा में लिया जाए। लेकिन मैंने सचिन वाजे को बहाल नहीं किया था।

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