नई दिल्ली :– किसान संसद के लिए आज भी 200 किसान सुबह करीब 11.15 बजे पहुंचे। कल की तरह ही आज भी तीनों सत्र के लिए तीन अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) चुने गए हैं। प्रत्येक सत्र में बोलने के लिए 90 मिनट का वक्त मिला है।
देश की यह ऐसी संसद है, जिसका सिर्फ एक मुद्दा है कि किसी भी तरह तीन कृषि कानून रद्द हों। आज भी यहां एपीएमसी एक्ट को लेकर चर्चा हो रही है और सदन के दूसरे सत्र में सभी किसान नेताओं ने एकमत से इस कानून को गलत बताया।
सर्दी, गर्मी बारिश के बीच आठ माह से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत 200 किसानों का जत्था आज पुलिस सुरक्षा के साथ बसों व कारों में सवार होकर विरोध-प्रदर्शन करने जंतर-मंतर पर पहुंचा। भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच किसानों ने संसद से कुछ मीटर दूरी पर समानांतर संसद लगाई है।
वही किसान नेता हरदेव सिंह ने कहा कि आज दूसरी दिन किसानों की संसद बैठी थी , जिसमे एमएसपी और तीन कृषि कानून को लेकर चर्चा की गई , एक किसान को नरेंद्र सिंह तोमर बनाया गया , जिसने केंद्रीय कृषि मंत्री का रोल निभाया।
साथ ही उन्होंने कहा कि जब केंद्रीय कृषि मंत्री का रोल निभा रहे किसान ने कहा कि 3 कृषि कानून किसानों के हित में है तो सदन में बैठे किसानों ने शेम शेम की आवाज निकाली। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सभी विषय पर आज किसानों ने जंतर मंतर पर लगी संसद पर चर्चा की गई ।
वही दूसरी तरफ किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि आज किसानों को संसद चलानी पड़ रही है , हम देश के सभी किसानों को यह दिखाना चाहते है कि बीजेपी किस तरह संसद चला रही है , कृषि कानून पर बात न करके अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार चर्चा कर रही है । जब तक हमारी माँगो को पूरा नही किया जाता तब प्रदर्शन जारी रहेगा , साथ ही जब तक संसद चलेगा तबतक किसानों की संसद चलेंगी।