नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ लामबंद हुए किसान, निकाला कैंडल मार्च
PHOTO.VIDEO.STORY- JITENDER PAL- TEN NEWS ( 03/01/18)
नोएडा। आज सैकड़ों किसानों ने एकजुट होकर नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान किसानों ने सेक्टर- 21 स्थित एडोब चौक से नोएडा स्टेडियम के गेट नंबर 4 तक कैंडल मार्च निकाला। किसानों का कहना था कि नोएडा प्राधिकरण को स्थापित हुए पूरे 41 वर्ष हो गए है परन्तु कुछ ग्रामीणों को छोड़कर आज भी बहुत सारे ग्रामीणों की हालत बहुत ही ख़राब है। 1976 मे जब नोएडा की सथापना हुई तो यहाँ के गाँववालों को ज़मीन के बदले प्राधिकरण मे किसानों के बच्चों को नौकरी, अधिग्रहण भूमि के बदले आवासीय भूखंड, उघोगो मे रोज़गार, स्कूलों मे किसानों के बच्चों को कोटे के तहत दाख़िले, प्राधिकरण की औघोगिक, वाणिज्य, आई०टी० जैसी योजनाओं मे किसानों को कोटा जैसे लुभावने सपने दिखाए गये थे । लेकिन वह आज तक ये पूरा नहीं हो सके। एक तरफ़ सुरूआत मे उधोग चलाने वाले मालिकों ने एक कम्पनी मे 10-10 डायरेक्टर बनाकर सभी ने आवासीय भूखण्ड प्राप्त किए, वाणिज्य 10-10 मीटर की दुकान पर भी आवासीय भूखण्ड लोगों ने लिए वही 1976 मे मात्र 2 से 3 रूपया प्रति वर्ग मीटर किसान ने ज़मीन दी फिर भी आज 5 हजार किसानों को भूखण्ड नहीं मिले है। उनकी प्रार्थना पत्र प्राधिकरण मे विचाराधीन है तथा आज तक 5 प्रतिशत के भूखण्ड व कोर्ट के आदेश के बावजूद 1997 से अब तक के सभी किसानों को 64.7 प्रतिशत प्रतिकर व 10 फीसदी के भूखण्ड नहीं मिले हैं। ना ही किसानों की आबादी की बैंक लीज की गई है।
इस दौरान किसान नेता रघुराज सिह व भारतीय किसान यूनियन ( भानु) के बेगराज सिंह गुज्जर ने कहा कि आज औघोगिक इकाइयों के लिए बना नोएडा बिल्डर्स के नाम से जाना जाने लगा है। मात्र प्राधिकरण प्रॉपर्टी डीलर जैसी भूमिका मे है। इतना ही नहीं औघोगिक ईकाइयो की भी संख्या मे कोई इज़ाफ़ा नहीं हुआ है। हम डंपिग ग्राउंड का भी विरोध करते है। बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ग्रामीणों की मज़बूती से बात रखने वाली ग्राम पंचायत को भी चंद IAS अघिकारियों की चाल पर ख़त्म करवा दिया है और ना ही आज तक किसी निगम का गठन किया गया है। यहां जो उघोगपतियों को सुविधा मिलनी चाहिए वह भी पर्याप्त नहीं मिल रही है। एक समय था जब प्रदेश के मुख्यमंत्री औघोगिक संस्था एन०ई०ए० को प्रत्येक माह दिल्ली बुलाकर समस्याओं का निराकरण करते थे, उस पर भी ग्रहण लग गया है। किसानों के साथ प्राधिकरण मे हर माह होने वाली यूनियन की बैठक को भी भूल गये। नोएडा प्राधिकरण किसानो के मकानों को तोड़ने की जल्द बाज़ी दिखा रहे है।