नई दिल्ली :— यूपी गेट पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से टेन न्यूज़ की टीम ने बातचीत की. बातचीत में राकेश टिकैत से ये जानने की कोशिश की गई कि अब उनकी आगे की रणनीति क्या होगी. राकेश टिकैत ने बताया कि वो 23 जनवरी तक यहीं मौजूद रहेंगे और 26 जनवरी दिल्ली में मनाकर ही लौटेंगे. उन्होंने कहा कि ये सरकार किसान विरोधी है. सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर और कर्जे में डूबता जा रहा है।
बातचीत के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि किसान को क्रेडिट बिल और बिजली के बिल ने उन्हें बरबाद कर दिया है और उनकी जिंदगी में मायूसी भरी कर दी है। अब वे कर्ज भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं और लगातार खेती करने के बावजूद भी घाटे में जा रहे हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को दो टूक बोला गया कि जब तक एमएसपी की गारंटी देते हुए एमएसपी से कम खरीद पर सजा का प्रावधान नहीं होगा तब तक किसान इन कृषि कानूनों को स्वीकार नहीं करेंगे।
कृषि मंत्री ने एमएसपी के खत्म नहीं करने और मंडियों का अस्तित्व भी रहने का आश्वासन दिया। लेकिन किसानों ने इसके लिए मौखिक नहीं बिलों में प्रावधान करने की मांग की। कहा कि किसान इससे कम पर सहमत नहीं होंगे।
उन्होंने गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने और बकाया भुगतान कराने की भी मांग उठाई। सरकार ने किसानों की बाते सुनकर सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही रास्ता निकल जाएगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि कल पांचवे चरण की बैठक होगी , जिसमे केंद्र सरकार को किसानों के पक्ष में निर्णय लेना चाहिए , अगर हमारी माँगे नही मानी गई तो दिल्ली को पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी । साथ ही उन्होंने कहा कि ये तीनों काले कानून को सरकार वापस ले ।