सामाजिक चेतना और सदभाव महापंचायत

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GREATER NOIDA LOKESH GOSWAMI  

’सामाजिक चेतना और सदभाव महापंचायत’समाज में फैली कुरूतियों और देश के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए, विभिन्न किसान संगठनों और वरिष्ठ किसान नेता धीरेन्द्र सिंह के प्रयास से आज जनपद गौतमबुद्धनगर के कस्बा रबूपुरा में उपरोक्त पंचायत का आयोजन हुआ। इस महापंचायत का मकसद, धर्म, जाति और सम्प्रदायों में बट चुके देश के समाज में चेतना जागृत करना था। कार्यक्रम के संयोजक और मुख्य वक्ता वरिष्ठ किसान नेता धीरेन्द्र सिंह ने महापंचायत में मौजूद सैंकडों गांवों के हजारों लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ’’ऋग्वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था कर्म आधारित थी, लेकिन आज राजनैतिक लोगों ने अपने फायदे के अनुसार, समाज को ऐसी स्थिति में पहुॅचा दिया है, जहां अमन पंसद लोगों को भाईचारा कायम रखने के लिए कडी मशक्कत करनी पड रही है। वह देश जहां अहिंसा और शान्ति का संदेश दिया जाता था, आज धार्मिक उन्माद और जातीय संघर्ष का अखाडा बन चुका है। इंसानियत से बडा कोई धर्म नही है तथा भाईचारे से बेहतर कोई सुखद विकल्प नही है।’’ दयौरार गांव के पूर्व प्रधान श्री यशपाल सिंह ने कहा कि ’’कहने को तो देश को आजाद हुये 67 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज भी हम नौकरशाही और सरकारों के गुलाम हैं। हमारा जीवन सुरक्षित नही और न ही इस बात की कोई गारंटी है कि हमारी बेटी शाम को सुरक्षित घर वापिस आ जायेगी।’’ समाज में फैली कुरूतियों और उनके उपायों पर चर्चा के साथ-साथ किसान विरोधी मौजूदा केन्द्र सरकार के खिलाफ  आंदोलन किये जाने की रणनीति भी तय की गयी। चैरोली गांव के श्री राजवीर नेता जी ने कहा कि ’’भ्रष्टाचार ने देश की जडों को खौखला कर दिया, हमारे चुने हुये प्रतिनिधि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में मशगूल है। सरकारें देश को साम्प्रदायिकता की आग में धकेल रही हैं, तो फिर न्याय और विकास की उम्मीद कैसे की जा श्री किशनचंद शर्मा, राजा नम्बरदार, देवेन्द्र सिंह मास्टर जी, चन्द्रपाल सिंह नेता जी, अरविन्द सिंह, चै0 के0पी0 सिंह, चन्द्रभान मलिक पूर्व प्रधान, तेजपाल सिंह प्रधान जी, श्रीपाल सिंह, संजय शर्मा, जगदीश गौतम,श्री ज्वाला प्रसाद सिंह, शेर मौहम्मद अनवरगढ आदि वक्ताओं ने सामाजिक एकता से सम्बन्धित बुराईयों जैसे शराबखोरी, जुआखोरी, साम्प्रदायिकता आदि को जड से उखाड फैकने पर बल दिया।  सभी वक्ताओं ने मुख्य रूप से साम्प्रदायिक सौहार्द सामाजिक चेतना पर बल दिया, जिससे क्षेत्र के सभी लोग अपना मजबूत राजनैतिक नेतृत्व तय कर सकें जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण इलाकों का भी वांछनीय विकास हो सके क्योंकि जिस देश का समाज जितना मजबूत व दृढसंकल्प होगा, वह देश इतना ही मजबूत बनेगा। इस पंचायत के माध्यम से क्षेत्र में एक आंदोलन की आहट सुनने को मिल रही है और क्षेत्र में बेचैनी का आलम है। पूर्व में भी क्षेत्र ने कई बडे किसान आंदोलनों को अंजाम दिया जैसे-भटटा पारसौल, टप्पल आदि। यदि सरकारों ने समय रहते मुस्तैदी नही दिखाई तो एक बार फिर इस क्षेत्र में शीध्र ही एक बडे किसान आंदोलन का बिगुल बज सकता है। फसलों की कटाई के पीक समय में भी भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी इस बात का स्पष्ट संकेत देती है कि लोगों में केन्द्र एंव राज्य सरकारों के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। पंचायत में यह भी तय किया गया कि गांव-गांव जाकर आवाम को अपने सामाजिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जायेगा तथा जहां कहीं भी आपसी सदभाव में कोई खलल डालने का प्रयास करेंगा, तो समाज के प्रबुद्ध लोग आगे आकर उन फासीवादी ताकतों का सामना करेंगे। पंचायत की अध्यक्षता ठसराना गांव के वृद्ध श्री डिब्बन लाल शर्मा ने की तथा संचालन संयुक्त रूप से श्री मारफत खांन, मेघराज सिंह और मौज्जम खांन ने किया। दौला, मडपा, धनौरी, सक्का, भटटा, पारसौल, मुतैना, उस्मानपुर, दनकौर देहात, अछेजा, रामपुर बांगर, मिर्जापुर, नीलौनी शाहपुर, चांदपुर, आछेपुर, पचोकरा, खेरली भाव, कादलपुर, लतीफपुर, मकनपुर, अनवरगढ, धनपुरा, पल्हाका, मेंहदीपुर, भाईपुर, खेडा मौहम्मदाबाद, रूस्तमपुर, भुन्ना, गोपालगढ़, मंेहदीपुर, भगवन्तपुर छातंगा, श्यामनगर, पूरनगनर, कानीगढी, गोविन्दगढ, जेवर खादर, साहबनगर, सिरसा माछीपुर, रामपुर, कर्राेल, दयानतपुर, बेगमाबाद, करौली, तिरथली, नगला हुकम सिंह, नगला हाण्डा, नगला छीतर, जाफरबाद, किशोरपुर, रामनेर, बनवारीपुर, रोही, फूलखां, माडलपुर, अलावलपुर, मंगरौली, चैरोली, नीमका, ख्वाजपुर, बंकापुर, थोरा, भवोकरा, दयौरार, हुमांयपुर, चांचली, मोहबलीपुर, अहमदपुर गढ़ी, धनसिया, दस्तमपुर, रन्हेरा, वीरमपुर, आकलपुर, म्याना, भीकनपुर, भोयरा, तनाजा, भुन्ना मकसूदपुर, जौनचाना, कलूपुरा, मारहरा, हाजीपुर, दूगली व उटरावली आदि सैंकडों गांव के किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष चै0
अमरपाल सिंह, रामवीर सिंह, ओमवीर सिंह, जगदीश सिंह, जगरोश सिंह मुखिया जी, राजू, श्यौराज सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, निरंजन सिंह, रौदाश, ओमन, भवरपाल सिंह, हरकेश सिंह, छिददी सिंह, सुरेन्द्र सिंह मलिक, सूरजपाल सिंह, नेपाल सिंह, असगर खांन, गिर्राज सिंह, पप्पू सिंह, सत्यप्रकाश शर्मा, वेदप्रकाश शर्मा, जाकिर प्रधान, बिजेन्द्र सिंह प्रधान, नेत्रपाल सिंह प्रधान, शेर मौहम्मद, अजब सिंह, धर्मवीर सिंह, किरनपाल सिंह, इन्दर प्रधान जी, ईश्वरचंद शर्मा, लाला बरूआ, दुष्यन्त प्रताप शर्मा, सत्यपाल सिंह, महेन्द्र सिंह, महरवाल अली, रनवीर शर्मा, इमामुददीन खांन, श्यौराज सिंह, सत्यपाल सिंह, वीरेन्द्र सिंह व राकेश कुमार शर्मा आदि हजारों लोग उपस्थित रहे।
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