नई दिल्ली :– राजधानी की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए विजन 2030 तैयार किया है। जिसका असर अगले साल जनवरी 2021 से दिखना शुरू हो जाएगा।
विजन 2030 के तहत अब हर जिले में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस होगा। अभी मात्र पांच ही स्कूल ऑफ एक्सीलेंस है। वहीं, छात्रों को शिक्षा संबंधी अनुभवों के लिए विदेश जाने का भी मौका मिलेगा।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के पास अब स्मार्ट कार्ड होगा। विज्ञान संकाय के साथ संचालित स्कूलों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
शिक्षा निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक विजन 2030 में हर जिलें में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना है। मौजूदा समय में राजधानी में केवल पांच स्कूल ऑफ एक्सीलेंस हैं।
इसके लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के उप शिक्षा निदेशक उन जिलों के उप शिक्षा निदेशक से जानकारी लेंगे जहां पर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया जा सकता है। 15 सितंबर तक स्कूल ऑफ एक्सीलेंस घोषित करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
शिक्षा निदेशालय ने छात्र व शिक्षक एक्सचेंज प्रोग्राम के संबंध में विजन 2030 को लेकर विस्तार से एक योजना तैयार की है। जिसके तहत अब सरकारी स्कूलों के छात्रों को शिक्षा संबंधी अनुभवों के लिए शिक्षकों और प्रधानाचार्य की तर्ज पर विदेश जाने का मौका मिलेगा। ऐसा पहली बार होगा कि सरकारी स्कूल के छात्र विदेश जाकर वहां के शिक्षण के तरीकों को जान सकेंगे।