नव वर्ष 2020 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और निवासियों में होगा टी-20, इन समस्याओं के समाधान की उठी मांग

ABHISHEK SHARMA

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Greater Noida : नव वर्ष 2020 की शुरुआत हो चुकी है,  ऐसे में हर कोई नई शुरुआत करना चाहेगा।  ग्रेटर नोएडा में बीती रात नववर्ष के जश्न में मानो पूरा शहर ही डूब गया। सड़कों पर रात भर युवा नाच गाना करते दिखाई दिए तो वही शहर में मुख्य चौराहों को सजाया गया ताकि नया नए साल पर शहर की खूबसूरती में चार चांद लग जाएं। लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में लोगों को अभी भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चाहे वह परी चौक का सुबह-शाम लगने वाला जाम हो या ऑटो और अवैध बसों का अतिक्रमण। आए दिन लोगों को इस तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है।

चूंकि, नव वर्ष 2020 की शुरुआत हो चुकी है तो ऐसे में लोगों को प्राधिकरण से काफी उम्मीद है कि जिन समस्याओं के पीछे वे पिछले साल तक लड़ते आए हैं आगे भी उन समस्याओं के लिए लड़ना न पड़े।  आए दिन शहर के निवासी अपनी परेशानियों को लेकर प्राधिकरण में  चक्कर लगाते रहते हैं। लेकिन किसी समस्या का निस्तारण हो पाता है तो वहीं कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो अधूरी छूट जाती हैं। निवासी सोशल मीडिया के माध्यम से भी लगातार अपनी समस्याओं को उठाते रहते हैं।

इसी क्रम में  जानते हैं कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में ऐसी कौन सी बड़ी समस्याएं हैं, जिनका निस्तारण यहां के निवासी 2020 में चाहते हैं

ग्रेटर नोएडा की एक्टिव सिटीजन टीम के सदस्य आलोक सिंह का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में वैसे तो समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। लेकिन कुछ ऐसी बड़ी समस्याएं हैं जो यहां के निवासियों के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं। यहां आने वाले समय में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि जैसे जैसे शहर पुराना होता जा रहा है, वैसे ही इसकी छवि भीड़भाड़ वाले इलाके की तरह बनती जा रही है।

सेक्टरों में अगर देखा जाए तो जगह-जगह पर रेहड़ी पटरी वालों का अतिक्रमण है। इस पर प्राधिकरण कोई कदम नहीं उठाता है। हालांकि जब प्राधिकरण से इसके निस्तारण  की बात की जाती है तो जवाब मिलता है, गरीबों को रेहडी से रोजगार मिल रहा है तो इसमें लोगों को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। आलोक सिंह का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण की तरह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी वेंडिंग जोन  की योजना लागू करनी पड़ेगी तभी इससे निजात मिल सकेगी।

वहीं उन्होंने कहा कि यहां दूसरी बड़ी समस्या परी चौक पर डग्गामार बसों व ऑटो का अतिक्रमण रहता है। जिस पर कई बार कार्यवाही भी हुई है लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। इस पर जल्द से जल्द कोई कार्रवाई होनी चाहिए। वर्ना ग्रेटर नोएडा शहर भी नोएडा की तरह यू टर्न का शहर बन जाएगा।

ग्रेटर नोएडा के निवासी अधिवक्ता आदित्य भाटी का कहना है कि शहर में स्काईवॉक, फुटओवर ब्रिज न होने के चलते यहां की जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि सूरजपुर स्थित जिला सत्र न्यायालय के सामने फुटओवर ब्रिज  बनाया जाना चाहिए, जिससे कि न्यायालय में आने वाले लोगों को रोड पार करते हुए दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। उनका कहना है कि सड़क की दूसरी तरफ से न्यायालय में आने वाले लोगों का कई बार एक्सीडेंट भी हुआ है। फुट ओवरब्रिज बनने के बाद दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी, वहीं लोगों को भी सहूलियत होगी।

वही उनका कहना है कि परी चौक  समेत कई अन्य जगहों पर फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना चाहिए इसके लिए कई बार उन्होंने प्राधिकरण और कोर्ट में आवाज उठाई है।  सेक्टर पी 3 की समस्याओं के बारे में उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बाकी सेक्टरों की तरह पी 3 की समस्त बाउंड्री वॉल पर तार फेसिंग होनी चाहिए।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता व मेरठ मंडल अध्यक्ष पवन खटाना का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन अब तक किसानों के हक की लड़ाई लड़ते हुए आई है। आगे भी यह लड़ाई जारी रहेगी। 2020 में किसान भी 20-20 के लिए तैयार हैं। तीनों प्राधिकरणों में किसानों की आबादी की समस्या, 64.7% मुआवजे को लेकर इस वर्ष भी आवाज बुलंद की जाएगी। उम्मीद करते हैं कि किसानों के हक में ही इसका नतीजा जाएगा।

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