भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज पार्टी के केंद्रीय मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और राहुल गाँधी की झूठी प्रेस वार्ता पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से कुछ कड़े प्रश्न भी पूछे।

 

पत्रकारों को संबोधित करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने आज ‘खेती का खून’ नाम से एक पुस्तक का प्रकाशन किया। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस को ‘खून’ शब्द से बहुत प्यार है। कभी ‘खून की दलाली’ तो कभी ‘नरसंहार’, यही आजादी के बाद से कांग्रेस का परिचय रहा है। 1984 में दिल्ली समेत पूरे देश में कांग्रेस के संरक्षण में सिखों का नरसंहार हुआ, क्या यह कांग्रेस की खून की खेती नहीं थी? बिहार के भागलपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे के दौरान प्रदेश से लेकर देश तक में कांग्रेस की ही सरकार थी। कांग्रेस की सरकार में लाखों किसानों ने आत्महत्या की, क्या यह कांग्रेस की खून की खेती नहीं थी?

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गाँधी ने अपनी प्रेस वार्ता में बताया कि आज देश में केवल चार-पांच औद्योगिक परिवार ही हावी हैं। अरे राहुल गाँधी जी, आपको यह भी पता नहीं है कि आज देश में किसी परिवार की नहीं, बल्कि देश के 130 करोड़ जनता का शासन है। हिंदुस्तान जानता है कि आजादी के 70 सालों तक देश में 55 वर्षों तक कांग्रेस के एक ही परिवार का शासन रहा। आज जब उनकी मोनोपोली ख़त्म हो गई है और देश की जनता की सरकार आई है तो उन्हें दुःख हो रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के जन-जन को, आम नागरिकों को सशक्त बनाया है।

 

राहुल गाँधी द्वारा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी द्वारा पूछे गए प्रश्नों को टालने के संबंध में चर्चा करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने राहुल गाँधी से कुछ प्रश्न क्या पूछ लिए कि राहुल गाँधी उत्तर देने से ही भाग खड़े हुए। अरे राहुल गाँधी जी, यदि आपको उन प्रश्नों के उत्तर नहीं आते तो अपनी असफलता कबूल करो। आदरणीय नड्डा जी ने कृषि पर, चीन के मुद्दे पर कई सवाल राहुल गाँधी से पूछे लेकिन राहुल गाँधी ने एक भी सवाल का जवाब दिए बिना अपनी चिर-परिचित असभ्यता का परिचय देते हुए कहा कि नड्डा जी कौन होते हैं सवाल पूछने वाले! अरे राहुल गाँधी जी, जगत प्रकाश नड्डा जी देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। देश के कई राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं और उनका अधिकार है प्रश्न पूछना।

 

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि हमें कांग्रेस के मूल खेल को समझने की जरूरत है कि राहुल गाँधी ने आज की प्रेस वार्ता क्यों की? कल 20 जनवरी को किसानों के साथ सरकार की दसवें राउंड की वार्ता होनी है और कांग्रेस कैसे भी करके इसे असफल करना चाहती है, यही उसकी मंशा है। कांग्रेस किसानों की समस्या का समाधान नहीं होने देना चाहती, इसलिए वह ‘विरोध – अवरोध’ की नीति अपना रही है। मैं आज राहुल गाँधी से प्रश्न पूछना चाहता हूँ कि आज देश के किसान यदि गरीब हैं तो किसकी नीतियों के चलते हैं? यह कांग्रेस की लगभग 55 वर्षों के सरकार की विनाशकारी अर्थनीति के कारण है। कांग्रेस सरकार अपने 55 वर्षों के शासनकाल में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य तक नहीं दे पाई। स्वामीनाथन कमिटी में 2006 में किसानों की उपज पर लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की सिफारिश की थी लेकिन 2014 तक कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार इस पर कुंडली मारे बैठी रही और उन्होंने इन सिफारिशों को लागू नहीं होने दिया। मैंने संसद में कई बार कांग्रेस से इस संबंध में सवाल पूछे तो उनका कहना होता था कि इन सिफारिशों को स्वीकार ही नहीं किया गया है।

 

जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 10 वर्षों के शासनकाल में केवल एक बार किसानों का 70,000 करोड़ रुपये माफ़ करने का दिखावा किया था। वास्तव में मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, केवल 53,000 करोड़ रुपये ही माफ़ किये गए थे, इसमें भी घोटाले की बात आई थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी डेढ़ वर्षों में ही किसानों के एकाउंट में किसान सम्मान निधि के तौर पर 1,13,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रान्सफर कर चुके हैं। इस तरह, मोदी सरकार इस कार्यकाल के अंत तक केवल किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को लगभग सात लाख करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित करने वाली है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी कह रहे हैं कि अनाज की कीमतें गरीबों के लिए बहुत बढ़ गई है। शायद राहुल गाँधी जी को पता नहीं है कि आज देश के गरीबों को दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल मिल रहा है। कोरोना संक्रमण के समय तो प्रधानमंत्री जी ने मार्च 2020 से नवंबर 2020 अर्थात् 8 महीनों तक देश के 80 करोड़ गरीब लोगों तक मुफ्त खाद्यान्न की व्यवस्था की। राहुल गांधी झूठ फैलाते रहे हैं कि एपीएमसी मंडियां बंद हो जाएंगी लेकिन राहुल गाँधी बताएं APMC ऐक्‍ट के खिलाफ कार्रवाई कांग्रेस घोषणापत्र का हिस्‍सा थी या नहीं? कांग्रेस शासित कई राज्यों में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का क़ानून कांग्रेस की केंद्र सरकार के समय लागू किया गया था। मतलब यह कि कांग्रेस अपने राज्यों में कृषि सुधार क़ानून लागू करे तो सही और हम बनायें तो गलत, यह कैसे हो सकता है? राहुल गाँधी की आज की प्रेस वार्ता, कांग्रेस की निराशा का ही प्रदर्शन है।

 

कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी चीन पर कांग्रेस पार्टी से पूछे गए प्रश्न का जवाब क्यों नहीं देते? क्‍या वे इस बात से इनकार कर सकते हैं कि हजारों किलोमीटर भूमि, यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश की जिस भूमि का वे जिक्र कर रहे हैं, वह किसी और ने नहीं, बल्कि खुद कांग्रेस की सरकार ने चीन को तोहफे में दी थी? क्या यह सच नहीं है कि कांग्रेस के शासनकाल में चीन ने अक्साई चिन की भूमि पर कब्जा जमा लिया था? ऐसी कई मीडिया रिपोर्टें हैं कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय चीन ने टिया पांगनाक, चाबजी घाटी, डूम चेली इत्यादि पर कब्जा जमा लिया था और कांग्रेस सरकार चुप बैठी रही। जब हमारे जवान डोकलाम में चीनी सेना के सामने जांबाजी से दटे हुए थे तो राहुल गाँधी ने आधी रात के अंधेरे में चीनी दूतावास जाकर चीनी अधिकारियों से मुलाक़ात की थी। जब लद्दाख में हमारे जवान चीनी सैनिकों से दो-दो हाथ कर रहे थे तो राहुल गाँधी सेना का मनोबल गिराने में लगे हुए थे। जब हमें आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक किया था तो कांग्रेस ने स्ट्राइक पर ही सवाल उठा दिए थे और राहुल गाँधी ने स्वयं हमारे वीर जवानों के शौर्य को ‘खून की दलाली’ की संज्ञा दी थी। पूरे देश को पता है कि कांग्रेस की नेहरू सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए चीन को आगे किया था। राहुल गाँधी जी, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी के सवालों के जवाब आपके पास नहीं हैं, इसलिए आप इन सवालों से भाग रहे हैं।

 

जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की किसानों से वार्ता जारी है और यह वार्ता सफल होगी, ऐसा हमें विश्वास है। पत्रकारों के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे छात्र होते हैं जिनका पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता और उन्हें उनके प्रोफ़ेसर के सवालों का जवाब पता नहीं होता, इसलिए सवालों का जवाब देने से बचने के लिए वे बहाने बनाने लगते हैं। राहुल गाँधी का भी यही हाल है।

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