दिल्ली के संसद मार्ग पर आज छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों ने गाज़ा में हो रहे नरसंहार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया।लोगों का कहना था की 14 मई 2018 को इजराइल ने शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन कर रहे फिलिस्तीन के लोगों पर बराबर मिलिट्री हमले किए । जिसमे हेलीकॉप्टरों से उनपर आंसू गैस के कैनिस्टरों की बरसात की गई। साथ ही औरतों, बूढ़ों और बच्चों को निशाना बनाकर उनपर गोलियाँ चलाई गई जिसमें 60 लोगों की उसी दिन मृत्यु हो गयी और 2 हज़ार से भी ज़्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने यह भी कहा की 14 मई से लगातार फिलिस्तीन की जनता पर इजराइल की सेना बराबर हमले कर रही है। फिलिस्तीन के लोगों ने गाज़ा में प्रदर्शन अमरीका द्वारा तेल अवीव से जेरूसलम में अपनी अमरीकी एम्बेसी (दूतावास) भेजने के फैसले के ख़िलाफ़ आयोजित किया था। दरअसल हर साल 1948 में हुए फिलिस्तीन के लोगों पर हुए इसरायली हमले को याद करते हुए फिलिस्तीन के लोग इस दिन ‘नकबा’ मनाते आये हैं। इजराइल द्वारा किये गए इस हमले के विरोध में आज दिल्ली के संसद मार्ग पर इंडियन पीपल इन सॉलिडेरिटी विद फिलिस्तीन के बैनर तले प्रदर्शन आयोजित किया गया।
जिसके माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से माँग की कि वह इजराइल द्वारा किये जा रहे इस हमले की निंदा करते हुए एक सरकारी स्टेटमेंट जारी करें और फिलिस्तीन की जनता के समर्थन में आगे आए । साथ ही प्रदर्शनकारियों ने यह माँग की कि भारत अपना दूत इजराइल से वापिस भारत बुलवाए। भारत जो खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहता है उसको फिलिस्तीन की जनता पर हो रहे इस मानवताविरोधी हमले के ख़िलाफ़ दुनिया के बाकी देशों के सामने अपनी आवाज़ फिलिस्तीन की जनता के समर्थन में बुलंद करनी चाहिए।