जेवर चुनावी संग्राम: कमल की राह में हुआ मुश्किलों का अवतार, दिलचस्प मुकाबलें में जाने किस करवट बैठेगा ऊंट
टेन न्यूज नेटवर्क
Greater Noida (01/02/2022): जेवर एयरपोर्ट बना कर यूँ तो भाजपा पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी चुनावी उम्मीदों को पँख देना चाहती थी पर संयुक्त विपक्ष (सपा- रालोद) ने ऐसा दाँव खेला कि जेवर विधानसभा खुद संसय में फंसी नजर आ रही है।
यूँ तो जेवर के स्थानीय विधायक ठाकुर धीरेन्द्र सिंह पूरे 5 वर्ष कैंपेन मोड में रहे और जनता से जुड़ाव बनाए रखा पर सपा-रालोद के उम्मीदवार अवतार सिंह भडाना को किसान संगठनों और दो-दो प्रमुख पार्टियों का सपोर्ट मिलना जेवर के चुनावी समर को दिलचस्प बना रहा है।
भड़ाना बीजेपी प्रत्याशी धीरेंद्र सिंह को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में हैं। सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा अनावरण के समय से ही वे गुर्जरों के बीच सक्रिय हैं। जिससे लगता है कि यहाँ से चुनाव लड़ने की योजना पहले से थी।
जेवर विधानसभा सीट पर गुर्जर, मुस्लिम और दलित वोटरों की संख्या अच्छी है। और इसे किसी का भी गढ़ नहीं समझा जा सकता क्योंकि जेवर में कांग्रेस, बसपा और भाजपा ने तीन-तीन बार जीत हासिल की है।
जहाँ भाजपा प्रत्याशी धीरेन्द्र सिंह विकास, जेवर एयरपोर्ट, मुआवजे और किसान मुद्दों के नाम पर वोट मांग रहे हैं वहीं गठबंधन के उम्मीदवार मिहिर भोज के नाम पर वोट बैंक बढ़ाने की जुगत में जुट गए हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सितंबर 2021 को दादरी में नौंवी शताब्दी के शासक राजा मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया था। लेकिन प्रतिमा के नीचे पट्टिका में उनके नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटा दिया गया था। इस कार्यक्रम के बाद गुर्जरों में बीजेपी के खिलाफ रोष पैदा हो गया। दादरी और जेवर विधानसभा गुर्जर बाहुल क्षेत्र है, यहां गुर्जर समाज के लोगों ने एक जुट होकर विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ वोट करने का फैसला किया।
पूर्व में कांग्रेस के नेता रहे धीरेन्द्र सिंह ने 2017 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ कर 22 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी वहीं अवतार सिंह भड़ाना का राजनीतिक सफर बेहद पुराना और उतार चढ़ाव भरा हुआ है। 1988 में बिना विधायक तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने अवतार भड़ाना को 6 माह के लिए शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री बनाया। जहाँ वो इस बार भाजपा के ख़िलाफ़ टाल ठोक रहे हैं वहीं 2017 में अवतार भड़ाना उत्तर प्रदेश के मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर विधायक बने।
साथ ही किवंदतियों कि माने तो वर्ष 1977 के बाद से जेवर से कोई भी प्रत्याशी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीता है। तो क्या धीरेन्द्र सिंह इस दावे को गलत साबित करेंगे या गौतम बुद्ध नगर की राजनीति में होगा नए नेता का अवतार, ये तो अब आने वाला 10 मार्च ही बताएगा।