नोएडा में निर्माण कार्य बंद होने से 2 वक़्त की रोटी के मोहताज हुए दिहाड़ी मजदूर

ABHISHEK SHARMA

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Noida : नोएडा – ग्रेटर नोएडा शहर में बढ़ता प्रदूषण मजदूरों के लिए आफत बन आया है। ईपीसीए के आदेश के बाद शहर में निर्माण कार्यों पर पाबंदी लगी हुई है। इससे दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। 10 हजार से अधिक मजदूरों पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है।

वहीं दूसरे राज्यों से गौतमबुद्धनगर में आकर काम करने वाले मजदूर अब पलायन करने लगे हैं। दूसरी ओर प्राधिकरण द्वारा शहर में करवाए जा रहे विकास कार्य भी रुक गए हैं। शहर में सैकड़ों प्रोजेक्टों पर कार्य चल रहा था जो ईपीसीए के अगले आदेश तक बंद है।

दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। प्रदूषण के कारण लोगों का घर से बाहर निकल पाना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ईपीसीए ने करीब 10 दिनों से निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। बावजूद इसके कुछ निर्माणाधीन साइटों पर काम चल रहा था।

इस पर ईपीसीए ने नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद करवाने के आदेश दिए। सरकारी और निजी निर्माणाधीन साइटों पर काम बंद हो गया। जिले में सैकड़ों निर्माणाधीन साइट हैं जिन पर कार्य रुकवा दिया गया है।

इसमें जीएमडीए द्वारा शहर के विकास के लिए करवाए जा रहे कार्य भी शामिल हैं। मजदूरों का कहना है कि निर्माण कार्यों पर लगी ईपीसीए की पाबंदी से उनके घर के चूल्हे बुझने लगे हैं। 10 दिन से अधिक बीत गए हैं, लेकिन उन्हें दिहाड़ी नहीं मिली है। पहले काम करके जमा किए गए रुपयों को वह खर्च कर चुके हैं।

ऐसे में अब उनके समक्ष दूसरे राज्यों में जाने अथवा अपने गांव लौट जाने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं बचा है।

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