यूनिटेक ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, नोएडा प्राधिकरण कब्जे में लेगा आवंटित जमीन

ROHIT SHARMA

नोएडा :– नोएडा प्राधिकरण ने अपने सबसे बड़े बकाएदार यूनिटेक ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई की है | प्राधिकरण ने नोएडा सेक्टर-113 में यूनिटेक ग्रुप को आवंटित जमीन को निरस्त कर दिया है , साथ ही ग्रुप हाउसिंग के निर्माण के लिए आवंटित किए गए प्लॉट नंबर जीएच-01 को रद्द करके 15 दिन में जमीन का कब्जा वापस लेने के निर्देश दिए हैं |

नोएडा प्राधिकरण ने 21 अक्टूबर को ये कैंसिलेशन लेटर जारी किया था, जिसकी जानकारी 30 अक्टूबर को दी गई | इस हिसाब से अगले 6 दिनों यानी 5 नवंबर तक प्राधिकरण इसे अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है |

जमीन आवंटन रद्द करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने जमीन की बकाया किस्तों, ब्याज, लीजरेंट, 64.7% प्रतिकार (किसानों को कोर्ट के आदेश के मुताबिक बढ़ा हुआ मुआवजा) और समयावृद्धि शुल्क के 1203.45 करोड़ के बकाए को वजह बताया है | साथ ही अथॉरिटी ने तय मियाद में प्रोजेक्ट पूरा करके अभियोग प्रमाणपत्र ना लेने को भी कैंसिलेशन का कारण बताया है |

खासबात यह है की यूनिटेक ग्रुप पर बिना नक्शा पास कराए 17 टावरों का निर्माण शुरू करने का भी आरोप है , इस तरह निर्माण करके यूनिटेक ने बिल्डिंग रेगुलेशन एक्ट का भी उल्लंघन किया है |  यही नहीं अपने लिए आवंटित जमीन पर यूनिटेक ने मैसर्स सेठी रेजिडेंसी और मैसर्स जीएमए डेवलपर्स को नियमों के खिलाफ 19,181.50 वर्ग मीटर जमीन बेच दी |

इस कार्रवाई से पहले नोएडा अथॉरिटी ने 24 अगस्त को यूनिटेक को नोटिस जारी करके अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे , लेकिन जेल में बंद यूनिटेक के प्रमोटर्स की तरफ से किसी ने भी इसका जवाब देने की कोशिश नहीं की |

अथॉरिटी ने यूनिटेक से कोई भी संतोषजनक जवाब ना मिलने और यूनिटेक की तरफ से बकाया भुगतान पर कभी भी कोई ठोस योजना ना मिलने पर अब जमीन आवंटन रद्द करने की कार्रवाई की है |

इस कार्रवाई के बाद अब ना केवल यूनिटेक बल्कि इस प्लॉट में प्रोजेक्ट बना रहे दूसरे डेवलपर्स के घर खरीदारों पर भी संकट खड़ा हो गया है | फिलहाल में सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है |

आपको बता दें कि आम्रपाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को कई बार कड़ी फटकार लगाई थी | कोर्ट ने कहा था कि अगर अथॉरिटी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो इस तरह से हजारों घर खरीदारों को यूं दर-दर की ठोकरें ना खानी पड़तीं |  ऐसे में आगे किसी तरह की लापरवाही की बात साबित होने से पहले अब पिछले कुछ महीनों से नोएडा अथॉरिटी लगातार रिकवरी सर्टिफिकेट जारी करने और जमीन आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई कर रही है |

Leave A Reply

Your email address will not be published.