वायु प्रदूषण के लिए तय मानको का उल्लघन करने पर डीएम ने भारत सरकार की एजेंसी के ख़िलाफ़ कोर्ट में मुकदमा ठोका।

Talib Khan / Rahul Jha

Noida, (16/12/2018): केंद्र सरकार के दो मंत्रालयों के नोएडा–ग्रेटर नोएडा में चल रहे दो प्रोजेक्ट में हो रहे वायु प्रदूषण के लिए तय मानको का उल्लघन किए जाने और बार–बार नोटिस दिये जाने के बावजूद वायु नियंत्रण हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार व्यवस्थाऐं स्थापित नहीं किए जाने के पर जिला प्रशासन ने सीजीएम कोर्ट में मुकगमा दायर किया है।
ये मुकदमा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा-15, 16 व 17 में वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमेटेड और एनबीसीसी (इंडिया) लिमेटेड व इनके ठेकेदारों के विरूद्ध दायर कराया गया है।

नोएडा के अपने कैंप ऑफिस पर मीडिया से बातचीत करते हुए डीएम ने कहा की दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में गत कुछ वर्षों से वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। जो कि माह अक्टूबर से फरवरी के मध्य प्रतिकूल वातावरण के कारण अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाता है।
हवा में पीएम-10 एवं पीएम-2.5 की मात्रा को काबू में रखने के लिए जरूरी है कि क्षेत्र पलुटेंट के नियंत्रण हेतु ठोस कदम उठाये जायें।
इसके लिए जिला प्रशासन और पलूशन कंट्रोल बोर्ड समय-समय पर कड़ी कार्यवाही की जाती रही है। इसके तहत वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमेटेड के प्रोजेक्ट डी एफ सी सी द्वारा बनाए जा रहे रेलवे ट्रैक के निर्माण के दौरान पैदा होने वाली धूल की रोकथाम कोई प्रबंध नहीं किया जा रहा था। जिसके लिए 7 मई को निर्देश जारी किये गये हैं। उसके बावजूद भी प्रोजेक्ट के निरीक्षण के दौरान पाया गया की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी तथा निर्माण स्थल पर मिट्टी लाने वाले अधिकांश वाहन खुली अवस्था में मिट्टी ट्रांसपोर्ट करते हुये पाये गये।
डी एफ सी सी के ठेकेदार मेसर्स लार्सन एण्ड टुबरो कम्पनी के चीफ जरनल मैनेजर और प्रोजेक्ट मैनेजर मेसर्स लार्सन एण्ड टुबरो के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में मुकदमा दायर कराया गया है।

इसी प्रकार एन बी सी सी इण्डिया लि. द्वारा पंण्डित दीन दयाल उपाध्याय इस्टीट्यूट ऑफ आर्केलाजी, नालेज पार्क-2, ग्रेटर नोएडा, का निर्माण किया जा रहा है।
प्रोजेक्ट में वायु प्रदूषण रोकने के लिए 07.05.18 को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये तथा पूर्व के दो निरीक्षणों के दौरान निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने के एनजीटी द्वारा पारित आदेशों के अनुसार पाँच लाख जुर्माना लगाया गया था।
इसके बावजूद भी प्रोजेक्ट के निरीक्षण में नियमों का उल्लंघन पाया गया, जिसके बाद मैनेजिंग डायरेक्टर, एन बी सी सी (इण्डिया) लि. एवं उक्त के ठेकेदार कम्पनी मेसर्स राणा कंस्ट्रक्शन लि. के जरनल मैनेजर के विरुद्ध मुकदमा दायर किया गया है।

डीएम ने बताया कार्यवाही की सूचना सचिव, संस्कृति मंत्रालय, अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड, सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं प्रमुख सचिव, पर्यावरण विभाग, उ प्र सरकार को दे दी गयी है। जिला प्रशासन ने इस वर्ष माह अक्टूबर से अबतक 141 दोषियों के विरूद्ध राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों के अनुपालन में लगभग रू 1,05,80,000/- का पर्यावरण क्षतिपूर्ति प्रशमन आरोपित किया जा चुका है।
प्रशासन द्वारा विगत दिनों में विभिन्न निजी परियोजनाओं जिनमें निर्माण व अन्य गतिविधियों से जनित होने वाली धूल इत्यादि के नियंत्रण हेतु उचित व्यवस्थाऐं स्थापित न होने के दृष्टिगत 25 लोगों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध एफ आई आर दर्ज करायी गयीं हैं।


Discover more from tennews.in: National News Portal

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave A Reply

Your email address will not be published.