गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने अपराध पर कसा शिकंजा , 7 महीनों में 749 अपराधियों को पहुँचाया जेल

Abhishek Sharma

Galgotias Ad

गौतमबुद्ध नगर:– गौतमबुद्ध नगर में अपराध पर लगाम कसने के लिए पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल होती हुई नज़र आ रही है। आपको बता दे की पिछले 7 महीनों में पुलिस ने करीब 749 अपराधियों पर लगाम कस उन्हें सलाखों के पीछे पहुँचाया है। गौतमबुद्ध नगर के लुक्सर स्थित जिला जेल में पहली बार कैदियों की संख्या ढाई हज़ार के पार पहुंची है। पुलिस ने दावा किया है कि उनके द्वारा चलाए जा रहे यलो वाटर, रीच, ऑपरेशन क्लीन के तहत वांछित अपराधियों की धरपकड़ और मजबूती से जारी रहेगी , जिससे की ज़िले के लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस करें।

ऑपरेशन ब्लैक आई के तहत लूट,रंगदारी, चैन स्नैचिंग व डकैती की घटनाओं में शामिल सबसे अधिक 150 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। लुक्सर जिला जेल में फिलहाल अपराधियों की संख्या 2696 है, जो की मार्च में 1947 थी। सूत्रों के मुताबिक ज़िले में अपराध की घटनाओं को सबसे ज्यादा अंजाम देने वाले सक्रिय गिरोह रणदीव भाटी, सुन्दर भाटी व अनिल दुजाना गिरोह के बदमाशों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने तीन टीमों का गठन किया है। टीम में 9 थाना प्रभारी शामिल किये हैं, जो कि मुखबिरों से संपर्क बना कर उनसे सूचना लेंगे और गिरोह की कमर तोड़ेंगे।

इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम दूसरे जिलों में भी लगातार दबिश दे रही है। पुलिस ने अपराध पर लगाम कसने के लिए 3 दर्जन से अधिक बदमाशों की लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट में जेवर में हुए सामूहिक दुष्कर्म में शामिल 25 हज़ार का इनामी बदमाश मोनू भी शामिल है। एसससपी गौतमबुद्ध नगर डॉ अजयपाल शर्मा ने कहा की लोगों से मेरी अपील है कि रंगदारी के मामलों को छुपाए नहीं, पुलिस को सूचना दे उनकी हर संभव मदद की जाएगी।

खासबात यह है कि गौतमबुद्ध नगर में मार्च के महीने में 1947 बन्दियों की संख्या थी , फिर अप्रैल में 2010 , मई में 2108 , जून में 2210 , जुलाई में 2389, अगस्त में 2573, सितंबर में बढ़कर 2696 हुई है । जिससे साफ पता चलता है कि आने वाले समय मे अपराध में अंकुश लगेगा । वही दूसरी तरफ जेल में बदमाशों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने और अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही से गौतमबुद्ध नगर से बदमाशों ने पलायन शुरू कर दिया है ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.