स्कूलों की लगातार फीस वृद्धि से परेशान अभिभावकों की बैठक , आंदोलन की योजना बनाई

ROHIT SHARMA , TEN NEWS

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नोएडा के प्राइवेट स्कुलो में फीस वृद्धि का मामला रुकना का नाम नहीं ले रहे हैं।

प्राइवेट स्कुल लगातार अपनी मनमर्जी से हर साल फीस में वृद्धि कर रहे हैं। जिससे बच्चो के पेरेंट्स को खासा परेशानी हो रही हैं। इस परेशानी से नीजात पाना के चलते बच्चो के पेरेंट्स लगातार मिटिंग व अलग-अलग टीम गठित कर रहे हैं जो स्कुलो के पोल पट्टी को खोल सकें। आज भी बच्चो के पेरेंट्स ने फीस वृद्धि को लेकर नोएडा के स्टेडियम एक मिटिंग की जिसमें लगभग 200 से 250 लोग मौजूद रहे जिन्होंने All Noida School Parent Association नाम से एसोसियेशन बना लीं है ताकि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लग सके । फीस वृद्धि को लेकर बच्चो के पेरेंट्स में काफी खुस्सा व नाराजगी देखने को मिली। साथ ही उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ पर भरोसा जताते हुए उनसे मिलने व अपनी बात उन तक पहुंचानी की बात कही की वह उनकी परेशानियों का जल्द निपटारा करेंगे। साल दर साल नोएडा के प्राइवेट स्कुल अपनी मनमानी से बच्चो की फीस, किताबे और ड्रेस के चार्ज में लगातार वृद्धि कर रहे हैं और वो भी बेतहाशा। प्राइवेट स्कुलो के खिलाफ अब अभिवावक आवाज उठाने लगे हैं। तमाम प्राइवेट स्कुलो के बच्चो के पेरेंट्स हर रविवार फीस वृद्धि को लेकर मिटिंग कर रहे हैं। क्योंकि सभी प्राइवेट स्कुल लगातार तीस से चालीस प्रतिशत फीस बढ़ा रहे हैं। अभिवावको का कहना हैं कि जिस तरह स्कुल फीस में वृद्धि कर रहा हैं उस हिसाब से तो वह अपने बच्चो को स्कुलो में पढा नहीं पाएंगे। किताबो के चार्ज से लेकर बच्चो की ड्रेस तक के पैसे स्कुलो ने बढ़ा दिये हैं। स्कुलो ने फीस इतनी बढ़ा दी हैं कि माता पिता दोनो काम कर रहे है फिर भी बच्चे की स्कुल की फीस नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे मे वह कैसे बच्चो की बाकी चीजो को कर पाएंगे। 



स्कुलो के द्वारा लगातार बढ़ाई जा रही फीस पर कोई किसी तरह का एक्शन भी नहीं ले रहा है जिसके चलते अब अभिवावक खुद यूपी के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ से मिलने की गुहार लगा रहे हैं साथ ही उन्हें फीस वृद्धि को लेकर लेटर भी भेज रहे हैं। अभिवावका का कहना हैं कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है कि वह उनकी समस्याओ का जल्द निवारण करेंगे। साथ ही उनका कहना हैं कि स्कुलो ने इस कदर फीस वृद्धि कर दी हैं कि उनका रहना खाना-पीना सब बेहाल हो गया हैं ऐसे में वह कैसे अपने बच्चो को शिक्षा दे पाएंगे। उनका मांगे है कि स्कुल की फीस कम की जाए। और शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनाया जाए।


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