मुख्यमंत्री योगी ने किया मंत्रिमंडल का विस्तार, नोएडा को कहा ‘नो’ – समाज सेवियों में आक्रोश – टेन न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट

Abhishek Sharma

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Noida (20/08/19) : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार आज लखनऊ के राजभवन में पूरा हो गया है। योगी मंत्रिमंडल में छह कैबिनेट मंत्री, छह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 11 राज्य मंत्रियों ने शपथ ले ली है। चार मंत्रियों को प्रमोशन देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इस कैबिनेट में 18 न‌ए चेहरे शमिल किये गए हैं। चार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। एक राज्यमंत्री को प्रमोट कर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।
हालांकि, उत्तर प्रदेश का ‘शो विंडो’ कहे जाने वाले नोएडा और गौतमबुद्धनगर के किसी भी  विधायक को मंत्रिमंडल में स्थान देने के काबिल नहीं समझा गया। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व में सबसे अधिक सहयोग गौतमबुद्धनगर का होता है। मंत्रिमंडल में गौतमबुद्धनगर के किसी विधायक को शामिल न किए जाने पर यहाँ के लोगों में रोष देखने को मिल रहा है। इस बारे में लोगों ने टेन न्यूज़ के साथ अपने विचार साझा किये।




इस मामले में पूर्व फोनरवा अध्यक्ष एन पी सिंह का कहना है कि योगी मंत्रिमंडल में गौतम बुध नगर के किसी एक विधायक को तो शामिल करना चाहिए था। यहां के किसी स्थानीय विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल ना करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उनका कहना है कि नोएडा न केवल यूपी का बल्कि पूरे हिंदुस्तान का दिल है और यहां पर सबसे ज्यादा उद्योग हैं। अगर यहां के किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता तो निश्चित ही उद्योगपतियों के लिए बहार आ सकती थी हालांकि ऐसा नहीं हुआ है़।

 

फोनरवा  के वर्तमान अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा का कहना है कि यहां के क्षेत्रवासियों को उम्मीद थी कि योगी मंत्रिमंडल में यहां के स्थानीय विधायक को जगह मिलेगी। लेकिन मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने से यहां की जनता बेहद नाखुश है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के पास जिला गौतम बुद्ध नगर से सबसे अधिक राजस्व जाता है।

योगी मंत्रिमंडल में गौतम बुद्ध नगर के किसी भी विधायक को शामिल न किए जाने से एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन ने  नाराजगी जताते हुए कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले हम उद्योगपतियों को पूरी उम्मीद थी कि इस बार मंत्रिमंडल में यहां के किसी विधायक को जगह मिलेगी। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां का कोई भी विधायक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। उनका कहना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा से उत्तर प्रदेश सरकार के पास सबसे ज्यादा कोष जाता है उसके बावजूद भी किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल न करने से हम बेहद नाखुश हैं।

नवरत्न फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव का कहना है कि सबसे मुख्य बात है यहां का विकास होना। अगर मंत्रिमंडल में यहां के किसी विधायक को शामिल नहीं किया गया तो इससे लोगों को नाराज नहीं होना चाहिए। उनका कहना है कि हमारे जिले के सभी विधायकों को चुने हुए करीब ढाई साल हुए हैं। आगे उन्होंने कहा कि मेरा मानना है  हमारे क्षेत्र का विकास सर्वोपरि है। चाहे विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए या नहीं इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

वहीं, नोवरा अध्यक्ष रंजन तोमर ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले नोएडा विधायक पंकज सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की खबर थी। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद जब पता लगा कि गौतम बुध नगर के किसी भी विधायक को इसमें शामिल नहीं किया गया है, तो यह बेहद दुखद है।  उन्होंने कहा कि हमारे तीनों विधायक बेहद काबिल हैं और नोएडा के विधायक पंकज सिंह लगातार कार्य कर रहे हैं, उन्हें तो कम से कम मंत्रिमंडल में जरूर शामिल किया जाना चाहिए था।

सेक्टर-34 आरडब्ल्यूए अध्यक्ष केके जैन का कहना है कि मंत्रिमंडल में यहां के किसी विधायक को जगह न मिलने से हमें बेहद निराशा हुई है। जबकि नोएडा के विधायक पंकज सिंह लगातार यहां की जनता की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं वे इसके हकदार थे।

नेफोमा अध्यक्ष अन्नु खान का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में यहां के किसी स्थानीय विधायक को जगह ना मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका कहना है कि जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह लगातार दिन रात यहां के लोगों  के लिए कार्य कर रहे हैं और उन्हें राजनीति का अच्छा खासा अनुभव भी है, तो वे इसके असली हकदार थे। जबकि दूसरी तरफ नोएडा विधायक पंकज सिंह भी लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनका समाधान भी लोगों को दिला रहे हैं। इन दोनों विधायकों में से किसी एक को तो मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए था।

नोफा के महासचिव प्रोफेसर राजेश सहाय का कहना है कि हमेशा नोएडा और ग्रेटर नोएडा को उत्तर प्रदेश के शो विंडो के तौर पर प्रयोग किया जाता है। यहां पर बाहर से आकर बड़ी संख्या में जनता रह रही है।  उनका कहना है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि न तो केंद्र में और न ही राज्य में गौतम बुध नगर के किसी नेता को शामिल नहीं किया गया है। कल तक लोगों को उम्मीद थी कि नोएडा विधायक पंकज सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। लेकिन मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद यहां के लोगों को निराशा हाथ लगी है।

 वहीं इस बारे में नोएडा लोक मंच के महासचिव महेश सक्सेना का कहना है कि जिस जनपद से उत्तर प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व अलग-अलग टैक्स के रूप में प्राप्त होता है। जहां पर 50 लाख से अधिक फ्लैट बने हुए हैं और निवेशक सड़कों पर आ चुके हैं और उनकी परेशानी सुनने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह बात समझनी चाहिए थी और यहां के किसी विधायक को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी।
कोनरवा अध्यक्ष पीएस जैन का कहना है कि उत्तर प्रदेश का शो विंडो होने के बाद भी नोएडा क्षेत्र से किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। इससे निश्चित ही लोगों को निराशा हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि यहां सबसे ज्यादा उद्योग हैं और  बड़ी संख्या में बाहर के लोग आकर यहां पर रह रहे हैं। यहां के लोगों की आवाज उठाने के लिए योगी सरकार के मंत्रिमंडल में किसी ने किसी विधायक को शामिल करना चाहिए था। जिससे कि उनकी समस्या लखनऊ तक जाए और उसका समाधान होकर आए।
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