एनपी सिंह आखिरी समय में चुनाव के लिए करेंगे दावेदारी पेश : गोविन्द शर्मा

ROHIT SHARMA / ABHISHEK SHARMA

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फोनरवा (फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन) के चुनाव की तारीख का औपचारिक एलान होने के साथ ही पूरे शहर में राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है। इसी बीच करीब 14 साल तक फोनरवा के अध्यक्ष रहे एनपी सिंह ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का एलान करके सबको चौंका दिया है। उनके इस एलान से फेडरेशन के बाकी साथी काफी हैरान हैं।



वहीं एनपी सिंह का विरोधी गुट इसे स्टंटबाजी करार दे रहा है। एनपी सिंह ने कहा था कि मैंने 14 साल तक इस पद पर रहकर जनता की यथासंभव सेवा की। अब नए लोगों को भी मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत फैसला है। वैसे भी मेरे पास पहले से कई जिम्मेदारियां हैं, उसे भी निभाने के लिए वक्त चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं फेडरेशन को भले ही छोड़ रहा हूं, लेकिन शहरवासियों की भलाई के लिए नए साथी को पूरा सहयोग और समर्थन रहेगा।

वहीं विपक्षी लोगों का कहना है कि यह पूरी तरह से स्टंटबाजी है। अगर उनको फोनरवा का चुनाव नहीं लड़ना था तो वह आरडब्ल्यूए अध्यक्ष क्यों बने। जनता उनकी हकीकत जान चुकी है। इससे पहले भी वह अवैध तरीके से अध्यक्ष पद पर काबिज थे। इस बार यह सब नहीं चलेगा।

सेक्टर -26 आरडब्ल्यूए अध्यक्ष गोविन्द शर्मा  ने टेन न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा कि मैं दावे से कह सकता हूँ कि एनपी सिंह आखिरी समय में फिर से चुनाव लड़ने के लिए राजी हो जाएंगे। उन्होंने महज पब्लिसिटी के लिए चुनाव न लड़ने की घोषणा की है। उनका कहना है कि फोनरवा का मकसद केवल राजनीती करना है, विकास का एजेंडा लेकर फोनरवा नहीं चलता है।

उनका कहना है कि एनपी सिंह ने पहले भी चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी लेकिन आखिरी समय पर वो फिर से मैदान में आ गए थे और फोनरवा के अध्यक्ष बने। उन्होंने कहा कि राजनीती करने के लिए सांसद और विधायक ही काफी हैं , फोनरवा संस्था शहर लोगों के हित में कार्य करने के लिए बनी थी जो कि अब अपने मकसद से भटक चुकी है।

उनका मानना है कि अब जो भी प्रत्यासी चुना जाए वो राजनीती करने के बजाय शहर की समस्याओं का निस्तारण कराने पर ध्यान केंद्रित करे।

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