विगत 5 वर्षों से जम्मू में धर्म शक्ति संस्था के माध्यम से गुरु गोबिंद सिंह जयंती को पितृदिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
इस अवधारणा के पीछे कारण बताते हुए धर्मशक्ति संस्था प्रमुख सुमित कृष्णा ने कहा, “जून के तीसरे रविवार को विदेशों की तर्ज पर भारत में लोग fathers day मनाने लगे हैं, परन्तु हमारे देश की परंपरा रही है कि कोई विशेष दिवस यदि मनाना हो तो उसका एक वैज्ञानिक कारण होना चाहिये, उस दिन का ऐतिहासिक महत्त्व होना चाहिये। यदि एक विशेष दिन पिता को समर्पित करना ही है तो हमें यह दिन करना चाहिये क्योंकि गुरू गोबिंद सिंह जैसा व्यक्तित्व और पितृ धर्म कहीं नहीं दिखता।
वो आगे बोले कि देश के प्रत्येक पिता को किसी का अनुसरण करना चाहिये तो गुरू गोबिंद सिंह जी का करना चाहिये, क्योंकि वो एक महान पिता थे, जिस आयु में बच्चे अपने खिलौने के लिये लड़ते रहते हैं, उतनी सी आयु में देश, धर्म और संस्कृति के लिये बलिदान होने वाले सपूतों के पिता के हम ऋणी हैं। नन्ही सी आयु में भी मौत के सामने निर्भय होकर सिंह के समान गर्जना करने वाले सपूत जिस पिता के हों, वो पिता देश का गौरव है।”
यदि भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करना है तो आज देश के प्रत्येक पिता को गुरु गोबिंद सिंह जी की तरह बनना होगा। संकल्प लेना होगा हर पिता को कि वे अपने साथ अपनी संतानों को ऐसी ही शिक्षा देंगे कि उनके बच्चे देश, धर्म और संस्कृति के लिये अपना सर्वस्व कुर्बान करने में भी संकोच न करें, इसी कारण से हम इस पर्व को आज मना रहे हैं।
बता दें कि धर्मशक्ति की इस मुहीम से काफी लोग जुड़ गए हैं, देश के जाने माने कवि विनीत चौहान, अर्जुन सिसोदिया, कमल आग्नेय, राम भदावर, योगी सूर्यनाथ, पल्लवी त्रिपाठी, पावनी कुमारी, शुभम त्यागी, खुशी ओझा, प्रसिद्ध गीतकार अमन त्रिखा, नृत्यांगना दुर्गेश्वरी सिंह महक आदि ने इस मुहीम से जुड़ने के लिए वीडियो संदेश भी जारी किए हैं।