जाने माने हस्तियों की दिल्ली सरकार से 2022 में क्या हैं उम्मीदें
Ten News Network
New Delhi (02/01/2021): कोरोना और ऑमिक्रॉन की वजह से 2021 दिल्ली सरकार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा और उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को काफी अच्छी तरह से निभाया है। नए साल 2022 से व्यापारी संघ और हस्तियों को दिल्ली सरकार से काफी उम्मीदें हैं। नए साल 2022 पर जाने-माने हस्तियों के बाइट।
राजीव काकरिया सेव आवर सिटी एनजीओ ने कहा हैं कि दिल्ली सरकार मोहल्ला क्लिनिक पर काम करें। कोरोना को नियंत्रण करने के लिए जो भी तैयारी की गई है उसे वाइट पेपर दें और यदि कोई भी घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी खुद लें ना कि दुसरों पर डाल दें। सड़क और वातावरण पर काम करें और फिर से लोगों से सार्वजनिक रूप से बातचीत करें।
एसपी चेतना एनजीओ से अनिल सूद का कहना है कि दिल्ली सरकार कहते ज्यादा हैं और करते कुछ भी नहीं है इसलिए मुझे दिल्ली सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। वैसे भी दिल्ली सरकार की सारी शक्तियां उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास है तो, दिल्ली सरकार के कहने से क्या होगा।
पूर्वी दिल्ली आरडब्ल्यूए फोरम बीएस वोहरा का कहना है कि कोरोना और ऑमिक्रॉन को नियंत्रण करें और लोगों को अच्छा इलाज दें।
एनजीओ दिल्ली आरडब्ल्यूए जोइन्ट फोरम पंकज अग्रवाल का कहना है कि, दिल्ली सरकार ने बोला था कि दिल्ली को लंदन बना देगा लेकिन वह दिल्ली को कचरा बना दिया है। दिल्ली में एक सरकार रहें और एमसीडी भी दिल्ली सरकार की हों। सड़क और बाजारों की साफ-सफाई पर ध्यान दें और विशेषकर यमुना नदी की सफाई का।
सामाजिक चितंक डॉ दर्शनी प्रिय का कहना हैं कि केजरीवाल सरकार अस्मिता बोध की लड़ाई और राजनैतिक प्रपंच से नए वर्ष में बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करे।
सर्वप्रथम तो महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि वो देर रात भी आसानी से सुरक्षित कहीं भी सफर कर सके। सिर्फ बसों में सीसीटीवी लगाने से काम नहीं चलेगा। सुनसान रास्तों ,पार्कों और आबादी शून्य इलाकों में भरपूर रोशनी और सीसीटीवी की व्यस्था करें ताकि महिलाएं आसानी से आवागमन कर सकें।
दूसरी बात दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के पिंक कोच को बढ़ाया जाए। जब केजरीवाल सरकार महिलाओं की समानता, समावेशीकरण और स्वतंत्रता की बात करती है तो उसकी करनी में भी ये परिलक्षित होना चाहिए।
तीसरी बात सबसे अहम बात फुटथपाथों पर विशेषकर मेट्रो के आस पास पसरी दुकानदारों की अनियंत्रित भीड़ को तत्काल प्रभाव से खत्म करें, इससे वहां राह चलती महिलाओं को काफ़ी दिक्कतें होती है। भीड़ का फायदा उठाकर पर्स और मोबाइल चोरी आम बात हो गई है।
अपने दल में इलाके वार महिला प्रकोष्ठ की व्यवस्था करे ताकि उस क्षेत्र विशेष की महिलाएं अपनी समस्यायों को उन तक पहुंचा सके और उनका उचित समाधान कर सकें।
चौथी सबसे अहम बात सभी मेट्रो और बस अड्डों पर मुफ्त सेनेटरी वेंडिंग बॉक्स की व्यवस्था करें ताकि किसी भी आपात स्थिति में महिलाएं इसका लाभ ले सकें।
पांचवी बात रात में महिला पेट्रोलिंग टीम का गठन किया जाए जो महिलाओं को किसी विशेष परिस्थिति में सुरक्षा और सहायता प्रदान कर सके।
और छठी बात निजी मकान मालिकों द्वारा छात्रों और प्रवासियों से अनर्गल और बेजाय किराया और बिजली बिल लिए जाने पर नकेल कसने के लिए कोई उचित और ठोस कानून लाए ताकि किरायेदार को शोषण से बचाया जा सके।
अब देखना ये है कि 2022 दिल्ली सरकार के लिए कितना चुनौतीपूर्ण साबित होता है और कहां तक दिल्ली सरकार लोगों के उम्मीदों पर खरा उतरती हैं।