गौतमबुद्ध नगर : उद्यमियों के नहीं बन पा रहे हैं पास, कर्मचारियों को सैलरी देने कैसे जाएं?

Abhishek Sharma

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कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते पूरे देश में मारामारी का माहौल है। देश 21 दिनों के लॉक डाउन पर है। इसका बड़ा असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पढ़ रहा है। जबकि देश में हर सेक्टर के लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसकी सबसे अधिक मार उद्यमियों पर पड़ती दिख रही है।

जबकि अगर बात गौतम बुद्ध नगर की जाए तो यह क्षेत्र औद्योगिक हब के रूप में जाना जाना जाता है। यहां भी व्यापारियों व उद्यमियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उद्यमियों को फैक्ट्रियों , कंपनियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को सैलरी देने या अन्य कार्यों के लिए बाहर निकलने के पास नहीं मिल पा रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं लेकिन वहां से भी अधिकतर लोगों को निराशा हाथ लग रही है।

ग्रेटर नोएडा में रहने वाले इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव एसपी शर्मा ने बताया कि लॉक डाउन में उद्यमियों को काफी नुकसान हो रहा है , लेकिन उसके बाद भी हम इससे लड़ने को तैयार हैं। उनका कहना है कि अनेक उद्यमी जो आवश्यक दवाई या अन्य आवश्यक जरूरी सामग्री का निर्माण करते है उन्हे भी पास नही मिल रहे है। कई कई चक्कर लगाने पड रहे हैं, रास्ते मे पुलिस भी रोकती है।

वही उनका कहना है कि कई लोग , जिनकी फैक्ट्री नोएडा, ग्रेटर नोएडा मे है वो लोग दिल्ली से नही आ पा रहै है। कर्मचारियों को सैलरी कैसे दें? उन्होंने मांग की है कि पास हेतू आवश्यक कागजात की सूची वहां लगाई जाए, जिससे असमंजस न हो और सहजता रहे।

पास आवेदन के उपरांत भी आसानी से जारी नही हो रहै हैं। व्यक्तिगत रूप से लोगों को जाना पड रहा है, इससे असुविधा के साथ अनावश्यक रूप से लोगो को घरो से निकला पड रहा है एवं सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ रही हैं।

उनका कहना है कि ऑनलाइन आवेदन करने पर आवेदन की संख्या वह आज जारी करने का समय भी दिया जाए। पास के लिए आवेदन करने के बाद 5 दिनों तक भी लोगों को पास जारी नहीं हो रहे हैं ऐसे में लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते लोग मजबूरी में घर से बाहर निकल रहे हैं।

उनका कहना है कि आवश्यक वस्तु वाले कुछ उद्योग गौतम बुद्ध नगर में हैं खुल रहे हैं। इन फैक्ट्रियों में मास्क, सैनिटाइजर, खाद्य सामग्री समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं बनाई जा रही हैं लेकिन दूसरे राज्यों से गाड़ियों में उनका जो माल आ रहा है, श उन्हें भी रोका जा रहा है इसके लिए भी जिला प्रशासन द्वारा कोई ना कोई व्यवस्था की जाए ताकि आवश्यक वस्तुओं का निर्माण करने वाले उद्यमियों को कोई समस्या ना हो।

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