कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन का आज 10वां और अहम दिन है। किसानों की सरकार से बातचीत जारी है। सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों से चर्चा कर रहे हैं।
सरकार के साथ बैठक में जा रहे विभिन्न किसान प्रतिनिधिमंडलों से टेन न्यूज ने बातचीत की और उनकी सरकार से क्या मांगे हैं, उनको भी जाना।
मीटिंग से पहले किसानों ने एक बार फिर कहा कि कृषि कानूनों में बदलाव से काम नहीं चलेगा, सरकार को तीनों कानून वापस लेने चाहिए। इससे पहले दो बड़े डेवलपमेंट हुए। अचानक खबर आई कि किसानों को मनाने के लिए पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 4 मंत्रियों से चर्चा कर रहे हैं।
दोआबा किसान संघर्ष समिति के हरसुलिंदर सिंह ने कहा, हम चाहते हैं कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले। हम कानूनों में संशोधन के लिए सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे।
वहीं आजाद किसान संघर्ष समिति, पंजाब के राज्य प्रमुख हरजिंदर सिंह टांडा ने कहा कि हम कानूनों का पूरी तरह से रोलबैक चाहते हैं। अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ‘कक्का’ ने कहा कि किसान अब बिना अध्यादेश को रद्द कराए वापस नहीं लौटेंगे। यह आंदोलन निर्णायक होगा और यह एक जन आंदोलन का रूप लेने लगा है। वह साफ कहते हैं कि अब सरकार के आश्वासन पर आंदोलन नहीं खत्म होगा। किसानों को अब आश्वासन नहीं तीनों तीनों अध्यादेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश चाहिए। किसान आंदोलन अब किसी भी स्थिति में स्थगित या रद्द नहीं होगा, हम कानूनों के रद्द होने तक मानेंगे यह बात एकदम क्लियर है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने विज्ञान भवन में होने वाली बैठक से पहले टेन न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि आज सरकार के साथ होने वाली बैठक में कोई ना कोई निर्णय जरूर निकलेगा। अन्यथा इस आंदोलन को इसी प्रकार बरकरार रखेंगे
पंजाब से किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि किसान केंद्र द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों की वापसी तक प्रदर्शन और आंदोलन करता रहेगा। किसानों को इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकार में बैठे लोग किसानों की बात समझना नहीं चाहते हैं।
कीर्ति किसान यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने टेन न्यूज से बात करते हुए कहा कि सरकार अब कृषि कानूनों में संशोधन करना चाहती है, लेकिन किसान कृषि कानूनों की वापसी से कम कुछ नहीं चाहते हैं। 6 दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी में इन कानूनों को किसानों के हित में बता रहे थे। लेकिन अब इन को लेकर मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के मंत्रियों से बातचीत से पहले विज्ञान भवन पहुंचे किसानों के प्रतिनिधि एडवोकेट प्रेम सिंह ने टेन न्यूज से बात करते हुए कहा कि सरकार ने खुद माना है कि जो कृषि कानून में 7-8 प्रावधान किए गए हैं, वह गलत हैं तो पूरी तरह से यह कानून ही गलत है, इनको वापस लिया जाए।
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने भी किसानों को समर्थन दिया है और किसानों के समर्थन में एसोसिएशन के सदस्य विज्ञान भवन पहुंचे। उनके नेता जितेंद्र सिंह बॉबी ने कहा कि किसानों की वजह से ही पूरे देश की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। भारत कृषि प्रधान देश है, इसके बावजूद किसानों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो किसान आंदोलन करते रहेंगे।