नीट रिजर्वेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान , कहा- आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं

Rohit Sharma

Galgotias Ad

नई दिल्ली :– सुप्रीम कोर्ट ने आज एक मामले की सुनवाई करते हुए आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की। तमिलनाडु में नीट पोस्ट ग्रेजुएशन रिजर्वेशन मामले में अदालत ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है।

इसी के साथ अदालत ने तमिलनाडु के कई राजनीतिक दलों द्वारा दाखिल की गई एक याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

दरअसल डीएमके, सीपीआई, एआईएडीएमके समेत अन्य तमिलनाडु की कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में नीट के तहत मेडिकल कॉलेज में सीटों को लेकर तमिलनाडु में 50 फीसदी ओबीसी आरक्षण के मामले पर याचिका दायर की थी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई थी।

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में किसका मौलिक अधिकार छीना गया है? आपकी दलीलों से लगता है कि आप सिर्फ तमिलनाडु के कुछ लोगों की भलाई बात कर रहे हैं।

डीएमके की ओर से अदालत में कहा गया कि हम अदालत से ज्यादा आरक्षण जोड़ने को नहीं कह रहे हैं, बल्कि जो है उसे लागू करवाने को कह रहे हैं ।

इसी दौरान जस्टिस राव ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है, आप सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लें और हाईकोर्ट में दाखिल करें ।

हालांकि, इस दौरान टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें खुशी है कि एक मसले पर सभी राजनीतिक दल एक साथ आएं हैं, लेकिन हम इस याचिका को नहीं सुनेंगे. हालांकि, हम इसे खारिज नहीं कर रहे हैं और आपको सुनवाई का मौका हाई कोर्ट के सामने दे रहे हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.