गलगोटिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बिजनिस में “उद्योग पर मंदी का दबाव” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

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आज गलगोटिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बिजनिस के द्वारा उद्योग पर मंदी का दबाव विषय पर एक दिवसीय वार्षिक प्रबंधन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य विषय उद्यमशीलता, नवाचार का विश्लेषण और प्रबन्ध की विविद्धता रहे। जिन पर वक्ताओं ने विस्तार पूर्वक चर्चा की। संगोष्ठी में मुख्य वक्ताओं के रूप में कोटैक महिन्द्रा के वाइस प्रेसिडैंट मनमीत पाल सिंह, जैबरोस एडवर्टाइजिंग एण्ड मार्केटिंग प्राइवेट लि0 के एम0 डी0 सुभाष जगोटा, शुरभि ग्रुप के डायरैक्टर उदित अग्रवाल और एक्सा फाइनेंस इण्डिया से पंकज तोमर ने भाग लेकर छात्रों को भारतीय उद्योग की आर्थिक मंदी की स्थिति और उसके प्रबंधन से अवगत कराया।

संगोष्ठी में सबसे पहले कोटैक महिन्द्रा के मनमीत पाल सिंह ने छात्रों को बैंक के एनपीए पर जानकारी देते हुए उद्योग आर्थिक मंदी पर प्रकाश डाला। सुभाष जगोटा ने प्रेरक अभिभाषण के साथ शुरूआत करते हुए बताया कि उद्योग में आर्थिक मंदी के दबाव को कैसे नियंत्रित किया जाता हैं। अन्य स्पीकर विकास गुप्ता ने बताया कि कोई भी देश अपनी अर्थ व्यवस्था को अस्थिरता के दौर में कैसे व्यवस्थित करें। तथा किस प्रकार अपने उद्योग संगठनों को सुविधा प्रदान करें ताकि वह मात्र एक छोटा उद्योग न रहकर एक बडे ;अभिनवद्ध उद्योग की सीमा को पार करें। और देश की संरचना में मजबूती और विविध संस्कृति की वास्तविक क्षमता का समावेश करे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उद्योग की कार्य शैली ऐसी होनी चाहिए जिससे देश अस्थिरता के समय में दूसरे देशों के मुकाबले एक लाभप्रद स्थिति में पहुंचे और उस पर बना रहे। संगोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अथिति और गलगोटिया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ0 प्रदीप कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान लगभग 500 छात्र भगवत प्रसाद शर्मा और सभी अध्यापकगण मौजूद रहे।

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