नोटबंदी पर ग्रेटर नोएडा के जीएनआईओटी कॉलेज में अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

Abhishek Sharma / (Photo/Video-Baidyanath Halder)

 

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित जीएनआईओटी कॉलेज में आज न्यू चैलेन्जिस ऑफ़ बिज़नेस इन इंडियन इकॉनमी: पोस्ट डीमोनीटाईज़ेशन विषय पर एक अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया I

आपको बता दे की इस संगोष्ठी का आयोजन डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ के द्वारा किया गया। जिसमे देश-विदेश के कई शिक्षकों, विशेषज्ञो ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए I
संगोष्ठी की शुरुआत जी. एन. आई. ओ. टी. समूह के चेयरमैन बी. एल. गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया I

वही बी. एल. गुप्ता ने संगोष्ठी की सफलता के लिए आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज भारत विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति बन चुका हैं, आने वाला समय भारत का है I भारतीय अर्थव्यवस्था देश के युवाओं को रोज़गार के अनेक अवसर प्रदान कर रही है I संस्थान की डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. सविता मोहन ने आज प्रतियोगितापूर्ण वातावरण में तकनीकी शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था पर विमुद्रीकरण के प्रभावों पर चर्चा की I

इस अवसर पर समूह के वाइस चेयरमैन राजेश गुप्ता, प्रबंध समिति के सदस्य- गौरव गुप्ता, बजरंगलाल गुप्ता एवं दीपक गुप्ता भी उपस्थित रहे। समारोह के मुख्य अतिथि मुनीश कुमार, कमिश्नर , इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दिल्ली ने अपने सम्बोधन में आए हुए प्रतिभागियों को अर्थव्यवस्था में मुद्रा के महत्व को समझाया। साथ ही उन्होंने वेनेज़ुएला की वर्तमान स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने के लिए ऐसे प्रयोग आवश्यक हैं।

मुख्य वक्ता सुरेश कुमार शर्मा- निदेशक (विश्व बैंक परियोजना पी. डी. पी. पी.) ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर विमुद्रीकरण के स्पष्ट प्रभावों के बारे में छात्रों को बताया तथा विश्व अर्थव्यवस्था मे भारत के योगदान के विषय मे चर्चा की I इस दौरान एम. बी. ए. विभागाध्यक्ष प्रोफ़सर पंकज कुमार व एम. बी. ए. (इंटीग्रेटेड) विभागाध्यक्ष प्रोफ़सर आलोक मोहन ने भी सेमिनार के मूल विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

वही दूसरी तरफ इस संगोष्ठी के दूसरे सेशन में प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये जिसकी अध्यक्षता डॉ नरेश गिल, मैनेजिंग डायरेक्टर , के आर डी डब्लू जी ने किया। इस दौरान प्रस्तुत किए गए शोधपत्रों में से तीन सर्वश्रेष्ठ शोधपत्रों को पुरस्कृत भी किया। अंत में प्रोफ़सर पंकज कुमार ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया I संगोष्ठी का समापन पुरस्कार व प्रमाणपत्र वितरण के उपरांत राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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