ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर शाहबेरी के फ्लैट खरीददारों का हंगामा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

Rohit Sharma / Rahul Kumar Jha

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ग्रेटर नोएडा में शाहबेरी के फ्लैट खरीददारों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने आज सुबह प्रदर्शन शुरू कर दिया। फ्लैट खरीददार अपनी मांगों को लेकर हंगामा कर रहे थे। प्रदर्शन करने के दौरान ही खरीददारों ने प्राधिकरण में अंदर घुसने का प्रयास शुरू कर दिया। इस पर वहां मौजूद अधिकारियों को उन्‍हें अंदर जाने से रोका। इसके बाद बात नहीं बनती देख पुलिस ने खरीदारों पर लाठीचार्ज कर उन्‍हें रोकने के प्रयास में जुटी है।


आपको बता दे रविवार को ग्रेटर नोएडा शाहबेरी के हज़ारों की संख्या में निवासियों ने इखट्टे होकर बाइको के माध्यम से सद्भावना रैली प्राधिकरण के दफ्तर तक निकाली ।

लाठीचार्ज होने के बाद अब शाहबेरी के निवासियों ने निर्णय लिया है कि अगर प्राधिकरण हमारे मांगों को नहीं मानती है , तो किसी भी सूरत में प्राधिकरण को यह अधिकार नहीं है कि वह हमारी बिल्डिंग को तोड़ सके और अगर प्राधिकरण ऐसा कुछ तोड़ने , सीलिंग करने या अन्य कोई भी कार्यवाही करने का प्रयास करती है। तो हम आम जनता है सरकार बनाना और सरकार गिराना यह आम जनता के हाथ में होता है।

साथ ही उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों का पूरा उपयोग करेंगे , जरूरत पड़ी तो आने वाले चुनाव में हम वोट बहिष्कार भी करेंगे । अगर प्राधिकरण का कोई अधिकारी या टीम शाहबेरी के अंदर किसी भी बिल्डिंग को तोड़ने या सिलिंग कार्रवाई हेतु आता है, तो शाहबेरी के सवा लाख लोग उनका विरोध करेंगे , क्योंकि शाहबेरी के सभी लोग पढ़े लिखे हैं।

वही कुछ निवासियों का कहना है कि अपने हक के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल भी करना जानते हैं , चाहे कोर्ट हो या धरातल पर हम हर जगह प्राधिकरण के दमनकारी नीतियों का विरोध करेंगे और प्राधिकरण को चेतावनी देते हैं की गलती से भी शाहबेरी के लोगों के सपनों के घरों को तोड़ने का प्रयास ना करें नहीं तो इसका अंजाम आम जनता विरोध करके दिखाएगी और तोड़ना तो दूर की बात वह किसी बिल्डिंग को छू भी नहीं पाएंगे क्योंकि बिल्डर तो बेच कर भाग गए पर अब जो यहां लोग रह रहे हैं वह आम जनता हैं और उनका जीवन भर की कमाई इन मकानों में लगी है ।

वह किसी भी कीमत पर मरते दम तक इन मकानों को खाली नहीं करेंगे और आखरी दम तक प्राधिकरण के गलत नीतियों का विरोध करते रहेंगे और आने वाले समय में भी आंदोलन और उग्र होगा और इसका खामियाजा प्राधिकरण को भुगतना पड़ेगा।

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