श्री रामलीला कमेटी विजयमहोत्सव 2017 साइट 4 में हुआ प्रभु राम वन गमन
दृश्य की शुरआत राजा दशरथ के कक्ष से होती है जहाँ वो शैया पर पड़े विलाप कर रहे हैं, रानी कौशल्या उन्हें ढांढस बंधाने का प्रयास कर रही हैं किंतु दशरथ कातर भाव से राम -राम करते हुये विलाप करते जा रहे हैं। वे अपनी सुध बुध खो चुके हैं और हे राम, हे राम करते हुये वो अपने प्राण त्याग देते हैं। इस दौरान इसके पश्चात राम केवट संवाद के मंचन को देख दर्शक भाव विभोर हो गए।
इसके पश्चात श्रवण कुमार ले प्रसंग का भी भावपूर्ण मंचन हुआ।
इस दौरान कलाकरों के जीवंत अभिनय ने पूरा वातावरण मार्मिक कर दिया।
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