कोरोना काल में नॉएडा की यह संस्था कर रही है आगे बढ़ कर ज़रूरतमंदो की मदद
अपनेलोग संस्था जिसकी टैग लाईन है “एहसास अपनों के साथ का” उसका अनुसरण करते हुए चकाचौंध से भरी इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की नगरी नोएडा में आर्थिक रूप से कमजोर एवं जरूरतमंद लोगों की सहायता की जा रही है।
कोरोना जिसकी मार से कोई देश नहीं बचा है, आज सभी देशों को जरूरत है एक सामाजिक सद्भावना और सामाजिक कार्यो की, साधन सम्पन्न लोग आगे आएं और समाज के लिए कार्य करें। ऐसे में अपनेलोग संस्था भी लोगों की मदद कई वर्षों से कर रही है,
अपनेलोग संस्था के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के कुशल नेतृत्व में अपनेलोग संस्था की संपूर्ण टीम के द्वारा अब तक हजारों लोगों को राशन का दिया जा चुका है, और अभी भी समाज सेवा निरंतर जारी है। इस संस्था ने प्रण लिया है कि जब तक कोविड-19 महामारी का हमारे देश भारत महान से अंत नहीं हो जाता, तब तक वह इस पुनीत कार्य को जारी रखेंगे।
अपनेलोग संस्था के कोषाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद कुशवाहा (प्रभात नमकीन निर्माता नोयडा और वरिष्ठ उधोगपति) ने बताया कि अपने लोग संस्था के साथ बड़ी बड़ी आईटी कंपनी, मैन्युफैक्चरिंग कंपनीज के सीनियर कर्मचारी जुड़े हैं। वह सभी संस्था के इस पुनीत कार्य मे तन मन धन से सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
अपनेलोग संस्था के वरिष्ठ सलाहकार सी.ए. प्रवीण कुमार ने जानकारी दी की संस्था के द्वारा नोएडा में यमुना नदी के किनारे रहने वाले किसान भाई जो फल और सब्जी की खेती करते हैं, उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कराने के लिए अपनेलोग संस्था द्वारा एक स्कूल भी चलाया जा रहा है, जिसकी थीम है “स्ट्रीट टू स्कूल”।
अपनेलोग संस्था के द्वारा स्कूल के सभी छात्र छात्राओं के लिए एजुकेशन के लिए जरूरी चीजों को भी उपलब्ध कराया जाता है। वहीं संस्था के महासचिव श्री रविंद्र सक्सेना जो एक उद्योगपति हैं, दिल्ली में फुटवियर के बढ़े कारोबारी है, उनके द्वारा समय समय पर विद्यार्थियों या अन्य साधन विहीन लोगों को जूते और चप्पलों का भी वितरण किया जाता रहता है।
अपने लोग संस्था के अधिकतर सदस्य अपने या अपने प्रियजनों के जन्मदिवस, राष्ट्रीय पर्व, को स्ट्रीट टू स्कूल विद्यालय पर आकर सभी विद्यार्थियों के साथ अपनी खुशियों को साझा करते है।कोरोना काल में संस्था ने कई दिनों तक भोजन, मास्क, सेनेटाइजर वितरण का कार्य किया, और अभी भी जारी है। संस्था के आगामी प्रयासों में अस्पतालाें में मरीजाें और कच्ची बस्तियाें में जरूरतमंदाें तक कुछ न कुछ मदद पहुंचने का संकल्प है और घर-घर सर्वे और स्क्रीनिंग में भी संगठन सहयाेग करने के लिए आगे के कार्यक्रमों में तय है।