To those who ate supporters of #porn websites

Galgotias Ad

जो पोर्न के समर्थक हें
कुछ पोर्न साइटो की व्यापार में लगे विदेशी लोग व् मीडिया समूह सर्वोच्च न्यायलय के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा पोर्न साइटों पर प्रतिबन्ध की तीखी आलोचना कर इसे व्यक्तिगत आज़ादी पैर चोट मान रहे हें। ये लीग यह बताने में असमर्थ हें कि व्यक्तिगत व् शयनकक्ष की चीज सार्वजनिक रूप से कैसे और क्यों उपलब्ध रहती है? वे यह बताने में भी असमर्थ हें कि क्यों भारतीय लोग इन पोर्न के पात्र नहीं होते ? या फिर वे स्वयं अपनी पोर्न बना कर सार्वजानिक क्यों नहीं करते? ये बेबसाइट अवैध रूप से प्रतिबर्ष अरबो खरबो रूपये कमाती हें और एक रुपया भी टैक्स के रूप में नहीं देती आप इनके इस भ्रष्टाचार पर बात ही नहीं करते। फिर औसत बुद्धि का आदमी सस्ती शराब या अन्य नशा कर इन पोर्न फिल्मो को देख भेड़िया बन स्त्रियों पर यौन आक्रमण करता है तो इसे रोकने का इन लोगो के पास क्या उपाय है? ये विश्व पुरुष और स्त्रियों से मेरा निवेदन है कि जिस देश में रह रहे हो उसके संबिधान का पालन करना सीखो फांसी की सजा के नाम पर दाऊद की दलाली , नक्सलवाद के समर्थन के नाम पर चीन की दलाली , NGO आंदोलन के नाम पर अमेरिका और यूरोप की दलाली कर आप लोगो की विस्वास्नीयता पर पहले से ही प्रश्नचिन्ह लगे हुए हें। ज्यादा जरुरी है के आक्रामक होने की जगह अपना दामन बचाने के उपाय कर लो क्योंकि आप लोगो के कर्म देशद्रोह की श्रेणी में आते हें और सरकार व् न्यायालय आपकी सारी उछलकूद पर पैनी नज़र रखे हुए हें।

Comments are closed.