यमुना प्राधिकरण की 69वीं बोर्ड बैठक, किसानों के मुआवजे समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर

Abhishek Sharma

Greater Noida : यमुना प्राधिकरण की आज 69 वी बोर्ड बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई बड़े प्रस्तावों पर बोर्ड ने मुहर लगाई है। आयोजित बोर्ड बैठक में किसानों के हित में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। जिसमें किसानों की जमीन के सापेक्ष मुआवजा दरों में बढ़ोतरी है , जिसको शामिल किया गया है।

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मुआवजा लेने के लिए किसानों को दो विकल्प भी दिए गए हैं। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 7 थाने बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें बोर्ड ने पहले फेज में 5 थाने बनाने पर मंजूरी दी है। वहीं 2 थाने दूसरे फेज में बनाए जाएंगे।

 

किसानों के लिए भी अच्छी खबर है। अब जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में हुए भूमि अधिग्रहण की दरों के बराबर सभी किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा विकास प्राधिकरण ने लीजबैक के पुराने मामलों में किसानों को बड़ी राहत दे दी है। नए आवेदन अगले एक महीने के दौरान किए जा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन की अध्यक्षता मे आज सुबह 11:00 बजे से बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया है। बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर विचार हुआ और मंजूरी दी गई है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण किसानों की मुआवजा दरों में बढ़ोतरी है।

प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण क्षेत्र के 96 गांवों में किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा बढ़ा दिया गया है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 2300 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से किसानों की सहमति पर जमीन खरीदी गई है। अब इन गांवों में भी इन्हीं दरों पर जमीन ली जाएगी। किसानों को दो विकल्प दिए गए हैं।

पहले विकल्प के तहत 2068 प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा और 7% विकसित भूमि का आवासीय भूखंड दिया जाएगा। अगर कोई किसान 7% आवासीय भूखंड नहीं लेना चाहता है तो उसे सीधे 2300 प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दे दिया जाएगा।

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अपने इलाके के 146 किसानों को लीजबैक के जरिए आबादी की जमीन लौटाई थी। इसे लेकर जांच पड़ताल चल रही थी। पूर्व में लाभार्थी किसानों को प्राधिकरण ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। लीजबैक रद्द करने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया गया था। यह प्रकरण आज की प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा गया। जिस पर प्राधिकरण ने फिलहाल लीजबैक के मामलों को रद्द करने से इनकार कर दिया है।

दरअसल, इन मामलों पर शिकायतें मिलने के बाद सैटेलाइट इमेजरी और लीज बैक समिति की स्थलीय रिपोर्ट का मिलान किया गया। जिसमें विचलन पाए जाने पर किसानों को नोटिस भेजा गया था। अभी इन मामलों में मुख्य कार्यपालक अधिकारी को रिव्यू करने के लिए कहा गया है। इनके अलावा 306 और लीजबैक प्रकरणों की जांच भी करने को कहा गया है।

दूसरी ओर नई रिलीज बैक पॉलिसी के तहत किसान आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए एक महीने का वक्त दिया गया है। 10 जनवरी तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

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