गायों के संरक्षण के लिए यमुना प्राधिकरण 20 गांवों में स्थापित करेगी गौशालाएं

Abhishek Sharma

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Greater Noida (15/01/19) : यमुना प्राधिकरण जल्द ही ज़िले के कुछ गाँवों में गायों के लिए गौशालाएं स्थापित करने जा रही है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर दिया गया है। बीते वर्ष नवंबर में आयोजित हुई यमुना प्राधिकरण की बोर्ड मीटिंग में इसका प्रस्ताव रखा गया था। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में गाँवों को चिन्हित किया जाएगा और पॉलिसी के अनुरूप योग्य गाँवों में गौशालाएं स्थापित कराई जाएंगी। आवारा घूम रही गायों को पकड़कर गौशाला में लाया जाएगा और बीमार और कमजोर गायें और उनके बछड़े होंगी उनकी स्वास्थ्य संबंधित देखभाल की जाएगी जिससे कि गायें दूध देने लगे। गाँवों में गौशाला स्थापित होने से बेरोजगार लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गाँवों में गौशालाएं बनाने से बेरोजगार लोगों को तो रोजगार मिलेगी ही साथ ही साथ आवारा गायों से परेशान हो चुके किसानों के लिए भी फायदा रहेगा। जिन लोगों की शिकायतें थी कि आवारा गाय खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचती है। तो काफी हद तक ऐसे घटनाओं में गिरावट आएगी। गौशालाएं बनने से गायों का भी संरक्षण अच्छी तरह से हो सकेगा। यमुना प्राधिकरण के इस प्रोजेक्ट से दूध की और अधिक पैदावार होगी।



यमुना क्षेत्र में प्रथम चरण में लगभग 20 गाँवों में गौशाला की स्थापना की जाएगी। इन गौशालाओं में रहने वाली गायों के गोबर से आर्गेनिक खाद या अन्य कोई उपयोग में लाई जाने वाले प्रोडक्ट बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गायों की लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ भी इन गौशालाओं को प्राप्त होगा। अरुणवीर सिंह का कहना है कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सबसे ज्यादा दूध की पैदावार होती है। ऐसे क्षेत्र में दूध की और अधिक पैदावार करना प्राधिकरण का लक्ष्य रहेगा। हालांकि इसके लिए अभी कोई दूध की डेयरी या फैक्ट्री लगाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की इस योजना के पीछे आवारा पशुओं का संरक्षण, उनकी देखभाल, स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं  प्रदान करना है। इस गायों से दूध की होने वाली पैदावार को मार्किट में भी ले जाया जाएगा।

 

सीईओ अरुणवीर सिंह ने आगे कहा कि इस योजना को तैयार करने के पीछे ये उद्देश्य था कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने वाला है। इस क्षेत्र में दूध की अधिक पैदावार होती है जो कि यहाँ पर अलग-अलग कंपनियों द्वारा लिया जाता है। यहां पर गौशालाएं स्थापित करने के बाद यहाँ से दूध को देश के अन्य हिस्सों में व विदेशों में भी भेजा जा सकेगा, और गाय के गोबर से बनने वाले आर्गेनिक खाद व अन्य सामग्री की मांग को देखते हुए इसका भी निर्यात कार्य जाएगा।

 

प्रत्येक गौशाला में लगभग 20 गायों को संरक्षण दिया जाएगा। इस  योजना के संचालक मंडल के सदस्यों से और कुछ सुझाव भी मांगे गए है जिससे कि इस योजना को और अच्छे से शुरू किया जा सके। यमुना प्राधिकरण गौशाला खोलने के लिए निजी लोगों को भी एनओसी प्रदान करेगा और अन्य गाँवों में प्राधिकरण खुद गौशाला स्थापित करेगा। गौशाला स्थापित करने के लिए प्राधिकरण ने कुछ मानक तैयार किए हैं। गौशाला स्थापित करने के लिए गाँव का क्षेत्रफल देखा जाएगा, गौशाला से  अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके।   गाँवों में  पानी की व्यवस्था भी देखी जाएगी, उस स्थान के आसपास चारागाह होना चाहिए।
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