नोएडा में हाईटेक यातायात व्यवस्था को बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने निजी कंपनियों के साथ किया करार , जल्द ही खत्म हो जाएगी जाम की समस्या

ROHIT SHARMA

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नोएडा :– यूपी का हाईटेक शहर नोएडा को कहा जाता है , लेकिन इस हाईटेक शहर में सिर्फ यातायात व्यवस्था की प्रमुख समस्या आज तक बनती आ रही है । जिसको लेकर नोएडा प्राधिकरण द्वारा कार्य किए गए , लेकिन आज तक वो सफल न हो सके ।

वही फिर से नोएडा शहर में यातायात व्यवस्था को कैसे मजबूत किया जाए, इस दिशा में प्राधिकरण के अफसरों ने प्रयास शुरू कर दिया है।

वही नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी यह चाहते हैं कि यातायात व्यवस्थित करने में शहरवासियों का भी अहम योगदान हो। बिना जन भागीदारी के किसी योजना को सही तरीके से अमलीजामा नहीं पहनाया जा सकेगा। इसके लिए कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के जरिए ट्रैफिक सिग्नलों पर यातायात को व्यवस्थित व अत्याधुनिक बनाने का फैसला लिया गया है।



नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक टंडन ने प्रबंध निदेशक आलोक अग्रवाल (केन्डोर टैक स्पेस) एवं शांतनु शर्मा सीईओ (जंकिट सिस्टम) की उपस्थिति में मेसर्स सीव्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड मुंबई व जंकिट सिस्टम एलएलपी के साथ समझौते पक्ष पर हस्ताक्षर किए।

वही इस करार के माध्यम से नोएडा शहर की तीन मुख्य सड़कों अत्यधिक व्यस्तम जंक्शन पर आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर यातायात को सुविधाजनक बनाया जाएगा।

वही इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन ने कहा कि प्राधिकरण समस्त संस्थाओं से अनुरोध करता है कि शहर को अधिक उन्नत व सुंदर बनाने के लिए सीएसआर फंड से ऐसी योजनाओं में अपना योगदान दें।

फिलहाल इस कार्य की पूर्ण करने की अवधि एक वर्ष रखी गई है। इस योजना के पूर्ण होने के साथ अन्य स्थलों पर लागू किया जाएगा। इस मौके पर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार मिश्र, महाप्रबंधक (सिविल) राजीव त्यागी सहित अन्य मौजूद रहे।

वही दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक राजीव त्यागी का कहना है कि समझौते के तहत कंपनियों को एमपी-थ्री मार्ग पर 5.8 किलोमीटर लंबी सड़क पर पड़ने वाले आठ बड़े इंटरसेक्शन, दिल्ली सूरजपुर छलेरा (डीएससी) मार्ग पर करीब 6.2 किलोमीटर सड़क पर आठ बड़े इंटरसेक्शन व उद्योग मार्ग पर तीन 13 बड़े इंटरसेक्शन पर ट्रैफिक की सघनता को कम करने के लिए इन मार्गों की ट्रैफिक प्लानिंग सिस्टम को अत्याधुनिक कर सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा।

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