सचिन तेन्दुलकर की राज्य सभा से अनुपस्थित – एक प्रतिक्रिया और एक आग्रह

Galgotias Ad

सचिन तेंदुलकर की आयु अभी केवल ४१ वर्ष है और उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान `भारत रत्न` से १६ नवम्बर २०१३ को सम्मानित किया जा चुका है,यह निश्चय है ही उनके लिए असाधारण गौरव है , वैसे भी उनकी पहचान विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजो में से एक की है.उन्हें सम्मानित करते हुए राष्ट्रपति द्वारा अप्रैल २०१२ में उन्हें में राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किया गया ,उनके साथ ही प्रसिद्ध अभिनेत्री रेखा को भी मनोनीत किया गया है .सचिन ने अभी तक केवल ३ बार राज्य सभा की कार्यवाई में भाग लिया है और दिसम्बर २०१३ में आखिरी बार उन्हें राज्य सभा में देखा गया ,जबकि रेखा आखिरी बार १९ फ़रवरी को राज्य सभा की कार्यवाई मै मौजूद थी . इस संबंध मे राज्य सभा में प्रश्न उठाया गया और राज्य सभा के सदस्यों के रूप में उन दोनों के इस आचरण की आलोचना भी हुई.सवाल यह है कि जब उन्होंने शपथ ग्रहण की थी तो क्या उन्हें मालूम नहीं था कि राज्य सभा के मनोनीत सदस्य के रूप में उन्हें सदन में उपस्थित रहना होगा और भारतीय जनता के प्रति उनकी एक नई जुम्मेदारी और जवाबदेही बन जायेगी .यह सभी जानते हैं कि जब वे एक श्रेष्ठ क्रिकेटर की भूमिका में थे तो प्रत्येक मैच और प्रेक्टिस को पूरा समय देने के लिए जाने जाते थे और आज भी अपने व्यावसायिक कार्यों के लिए उनके पास पूरा समय रहता है,फिर राज्य सभा के लिए इतना उपेक्षा भरा attitude क्यों ? हम इस प्रकरण में अधिक टिप्पणी करना उचित नहीं समझते हैं ,क्योंकि हमारे मन में उनके लिए पूरा सम्मान है.पर हम पुरजोर आग्रह करते हैं कि क्रिकेट की भांति ही वे राज्य सभा की कार्यवाही मे भी अपना योगदान करे .

Comments are closed.