महिला दिवस विशेष : मिलिए नॉएडा में हजारों बेसहारा बच्चों को छत से लेकर शिक्षा देने वाली इस अद्भुत शख्शियत से !

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PHOTO/VIDEO/STORY- JITENDER PAL- TEN NREWS ( 08/03/18)

नोएडा। दुनियाभर में आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन समाज की बेहतरी के लिए काम कर मिसाल बन चुकी महिलाओं को याद भी किया जाता है। इस कड़ी में हमारे देश में देखा गया है कि कहीं न कहीं आज भी ऐसी महिलाएं है जिन्होंने आम साधारण जिंदगी से अलग हटकर सोचा , अपनी क्षमता को तराशा , वो काम किया जो सबसे बेहतर कर सकती थी । ऐसी महिलाएं जो सिंगल है लेकिन परिवार की जिम्मेदारी उनकी प्राथमिकता रही , अपने त्याग से अपने परिवार व समाज को भी आगे बढ़ाया है साथ ही आर्थिक तंगी के चलते हुए भी अपने जज्बे को कायम रखा और एक मुकाम बनाया।

हम बात कर रहे है नोएडा में बेसहारा बच्चो की माँ से मशहूर समाज सेविका अंजना राजगोपाल की , जो पिछले 3 दशक से नोएडा में बेसहारा बच्चो की खानपान से लेकर शिक्षा तक की जिम्मेदारी निभा रही है।

नोएडा सेक्टर 12 स्थित साई किरपा के बाल कुटीर नाम संस्था है जहाँ आज 450 बेसहारा बच्चो की एक ही माँ है अंजना राजगोपाल । जहाँ इस माँ ने अपना पूरा जीवन बेसहारा बच्चो की परवरिश करने में लगा दिया । इस बाल कुटीर में एक ही छत के नीचे बच्चो को खानपान से लेकर अच्छी शिक्षा दी जाती है जिससे ये बच्चे अच्छी शिक्षा पाकर अपने पैरों पर खड़े हो सके । पिछले 30 सालों से इस संस्था से नाजाने कितने बच्चे अच्छी शिक्षा पाकर अच्छी नॉकरी कर रहे है । कभी कभी कोई छोटी सी घटना भी दिल को ऐसी लग जाती है जो जीवन का पूरा रुक ही बदल देती है एक मिशन बन जाता है ।

टेन न्यूज़ टीम ने अनाथ व बेसहारा बच्चों की अदभुत माँ अंजना राजगोपाल से खास बातचीत की।

अंजना राजगोपाल ने बताया कि मूल रूप से तो वो केरल के बेल्लारी की रहने वाली है । और वही ही उन्होंने अपनी शिक्षा ग्रहण की ,वो अपने समय मे एक अच्छी नॉकरीपेशा भी रहे चुकी है । क्योकि हमारे घर की हालत ठीक नही थी , मैंने दिल्ली में आकर दस साल तक टाइम्स ऑफ इंडिया में जॉब भी किया । लेकिन बेसहारा बच्चो के प्रति अक्सर एक पीड़ा रहती थी कि सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चो के प्रति सरकार से लेकर समाज आखिर क्यों नही कुछ सोचता है क्या इन बच्चो का भविष्य सड़क पर ही रहे जायेगा । मैंने अपने दोस्तों से भी इस बारे में कई बार बात की लेकिन सभी ने मुझे पागल कहा कि इतनी अच्छी जॉब छोड़कर अपना कैरियर खराब कर रहे हो । मैंने भी ठान लिया था कि अब कुछ करना है । एक दिन एक बच्चा जो शारारिक व मानसिक से परेशान था उस बच्चे को एक आदमी पीट रहा था, जो मुझसे रहा नही गया और उस बच्चे को में अपने साथ घर ले आयी , जिसको मैंने पाला और अच्छी शिक्षा भी दी ,आज वो बच्चा 35 साल का हो गया है और अच्छी नॉकरी कर रहा है । इस बच्चे ने मेरा जीवन ही बदल दिया । मैं अपनी सैलरी से बच्चो की परवरिश करती थी , धीरे धीरे ये करवा बनता गया फिर मेरे पास पांच बच्चे आ गए । उस दौरान मेरे परिवार से भी कोई सहायता नही मिलती थी ना कोई यार दोस्त हेल्प करता था। उस समय भी मेरा साथ नही दे रहा था में किराए के मकान में रहती थी । जो पांच बच्चो की देखभाल करना काफी मुश्किल था लेकिन एक जुनून था । कभी कभी छोटे छोटे बच्चो की देखभाल करने में थोड़ी परेशानी होती है। मगर प्यार में सब कुछ ढल जाता है । लड़कियों की बात करे , अगर हम शुरू से लड़कियों को लड़कियों की तरह पालते है ,तो उनमें एक बंधन वाली बात उनके दिमाग मे रहेती है , अगर हम लड़कियों को लड़को की तरह पूरी आजादी के साथ पाले तो वो हर काम को पूरे विश्वास के साथ करती है । हमारे पास ऐसी लड़की भी है जिनके परिवार ने बेटे की वजह से उन्हें छोड़ दिया है । सब से बड़ी बात ये है कि मेरा स्टाफ व टीचर काफी अच्छे है जो समय समय पर बच्चो को शिक्षा से लेकर खानपान की देखभाल करते है । हम बच्चो को यही प्रेरणा देते है एक अच्छा इंसान बने व महिलाओं के प्रति सम्मान रखे । नोएडा में आये मुझे तकरीबन 30 साल हो चुके है , हमने शुरुवात हमने सेक्टर 20 से की थी ,उसके बाद नोएडा अथॉरिटी के चैयरमैन ने सेक्टर 12 स्थित जगह दे दी । 1988 से इस जगह पर साई किरपा चल रहा है । फंड्स की बात की जाए तो छोटी छोटी संस्था व यहाँ के लोकल लोग बढ़चढ़कर सहयोग करते है। अंजना जी ने इस विश्व महिला दिवस पर सभी महिलाओं को सुझाव दिया कि महिला के अंदर समाज व देश के प्रति कुछ करने का जुनून है तो वो जरूर करे , परिवार व समाज की परवाह नही करो , अपने मन को मत मारो । साथ ही सभी महिलाओं को अपने बेटे को भी सही रास्ता दिखाए ,ताकि वो महिला को सम्मान दे सके । ये एक माँ ही सीखा सकती है । अंजना राजगोपाल को अपने इस सराहनीय काम के लिए नोएडा रत्न , cnn व ह्यूमन राइट्स जैसे अवार्ड्स से नवाजा जा चुका है ।

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