अब कांशीराम आवास की जांच पूरी नहीं होने के आसार
कांशीराम शहरी गरीब आवासीय योजना के तहत आवंटित 65 आवासों के फर्जी आवंटन की जांच अब नहीं कराई जाएगी। हालांकि अधिकारी इस जांच को बंद होने को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, मगर जो मुख्य विकास अधिकारी से संकेत मिले हैं, उससे साफ हो गया है कि कांशीराम आवास से जुड़ी कोई भी जांच अब अंजाम तक नहीं पहुंचेगी।
बता दें कि 1500 कांशीराम शहरी गरीब आवासीय योजना का आवंटन बीपीएल गरीब परिवारों में किया गया है। आरोप है कि आंवटन में मानकों की अनदेखी की गई थी। इसकी शिकायत पर मुख्यमंत्री ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सिटी मजिस्ट्रेट की एक कमिटी बनाकर जांच के आदेश दिया था। इस कमिटी ने छह माह पहले ही जांच पूरी कर ली थी। मौके पर जाकर आवंटियों के दस्तावेज को खंगाला गया था और उनकी संपत्ति का ब्यौरा भी तलब किया गया था। यह जांच हुए छह माह हो चुके हैं, मगर इसकी रिपोर्ट आज तक जिलाधिकारी के पास नहीं पहुंची है। सूत्रों की माने तो कांशीराम आवास के आवंटन में भारी धांधली हुई थी, जो जांच में सामने भी आ चुका है। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो तीन माह पहले ही रिपोर्ट तैयार हो गई थी। कमिटी के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट को तैयार करके जिलाधिकारी को सौंपने के लिए डूडा विभाग को दे दिया था। मगर डूडा विभाग पर कुछ लोगों द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद रिपोर्ट को दबा दिया गया। डूडा अधिकरी रजनी सिंह का कहना है कि अभी रिपोर्ट उनके पास नहीं आई है। वहीं, इस मामले से मुख्य विकास अधिकारी को पूरी तरह से दूर रखा गया था। उन्हें जांच के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। उन्हें किसी दूसरे माध्यम के जरिए इस जांच के बारे में जानकारी हुई। जिसके बाद उन्होंने डूडा अधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी थी। मगर डूडा अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट सीडीओ को नहीं दी है। इस संबंध में जब सीडीओ से पूछा गया, तो उन्होंने टालने की कोशिश की। उनका कहना है कि अभी तक जांच रिपोर्ट उनके पास नहीं आई है।
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