बजट लेने में नाकाम रहे दर्जन भर विभाग

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वित्तीय वर्ष समाप्ति की तरफ बढ़ता जा रहा है और अभी तक कई विभागों द्वारा अपना बजट तक नहीं प्राप्त किया जा सका है। इन विभागों द्वारा बजट प्राप्त करने की कोशिश भी नहीं की जा रही है, जबकि जिलाधिकारी द्वारा बैठकों में फटकार भी लगाई जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि करीब छह माह पहले जिला योजना की बैठक हुई थी। उस बैठक में विभागों द्वारा अपने-अपने विभाग द्वारा वित्तीय 2013-14 में विकास कार्य पर खर्च किए जाने वाले बजट को रखा था। इस बजट पर जिला योजना के प्रभारी बन कर जिले में आए राज्यमंत्री द्वारा मुहर लगाई गई थी। बजट पर मुहर लगने के बाद विभागों द्वारा शासन को डिमांड भेज दी गई थी और उस बजट को प्राप्त करने के लिए विभागों को अपने स्तर पर भी प्रयास किया जाना था। मगर विभागों द्वारा अपने स्तर पर प्रयास नहीं किया गया है। अभी एक दर्जन विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने शासन से बजट नहीं प्राप्त किया है। बजट नहीं प्राप्त होने के कारण विभाग द्वारा विकास कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। जिन विभागों द्वारा बजट नहीं प्राप्त किया गया था, उनके साथ जिलाधिकारी द्वारा बैठक की गई थी। बैठक में जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई गई थी और जिलाधिकारी ने बजट को शीघ्र प्राप्त कर विकास कार्य शुरू करने का निर्देश दिया था। मगर विभागों की लापरवाही अभी तक बनी हुई है। जिलाधिकारी एचएल गुप्ता का कहना है कि विभागों को बजट प्राप्त कर विकास कार्य तेज करने का निर्देश दिया गया है और बजट प्राप्त करने में कोई दिक्कत आ रही है, तो इसकी जानकारी उन्हें या मुख्य विकास अधिकारी को दे सकते हैं। ताकि बजट प्राप्त कर सकें। जिन विभागों ने बजट प्राप्त नहीं किया है, उनमें लघु सिचांई (3.80), सामुदायिक विकास (60 लाख), वैकल्पिक उर्जा (41.68), लोक निमार्ण (2871.20), पूल्ड आवास (200.00), पर्यटन (20), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य (135 लाख), आयुर्वेद चिकित्सा (59), होम्योपैथी (10), महिला कल्याण (54), जल निगम (264), कार्यक्रम विभाग (383 लाख रुपए) शामिल हैं।

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