आध्यात्मिक कार्यषाला है शार्ट डिजीटल फिल्म समारोह
शार्ट डिजीटल फिल्म फेस्टिवल एक ऐसा समारोह है जिसमें छोटी फिल्में बड़ा संदेष दे जाती है साथ ही उसके निर्देषक व कलाकारों को पूरा पूरा मौका मिल जाता है अपनी प्रतिभा दिखाने का, यह कहना है मारवाह स्टूडियो के निदेषक संदीप मारवाह का, अवसर रहा 82वें शार्ट डिजीटल फिल्म समारोह का उद्घाटन। इस अवसर पर योजना आयोग, उ॰ प्रदेष के सदस्य ओमवीर तोमर, सतीष अग्रवाल, सिनेमाटोग्राफर अदीप टंडन उपस्थित हुए।
संदीप मारवाह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें इस तरह के फिल्म समारोह का सम्मान करना चाहिए क्योंकि यह फिल्म निर्माण से जुड़े हुए लोगों के लिए एक आध्यात्मिक कार्यषाला है जिसमें सभी को कम समय में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है, जहां बड़ी फिल्में समाज के लिए संदेष तीन घंटे में देती है वहीं छोटी फिल्में वही संदेष तीन से चार मिनट में दर्षकों के दिल में पंहुचा देती है। किसी भी कलाकार, निर्देषक व निर्माता के लिए छोटी फिल्में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। समारोह में चुनिंदा 8 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें निर्देषक आनंद मोहन की ए लेटर टू माई सन, निर्देषक क्रितिका सिंह की द पेपर प्लेन, निर्देषक फिरोज अहमद की थीस्ट, निर्देषक लोवाषिष अग्रवाल की कमबैक, निर्देषक रूपल की जीने दो, निर्देषक ज्योति कौषिक की पंख, निर्देषक नमग्याल की स्टेप्स टूवाडर्स ए ग्रीनर अर्थ तथा निर्देषक पंकज दुबे की किष्मिष शामिल हुई।
ओमवीर तोमर ने एषियन एकेडमी आॅफ फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान के बारे में कहा कि इस संस्थान में नई पीढ़ी के छात्रों को बनाने, संवारने और उन्हे एक बेहतरीन दिषा दिखाने का कार्य किया जाता है। मुझे यहां आकर लगा कि अगर मेरी उम्र कम होती तो मैं भी यहां सीख रहा होता। सिनेमाटोग्राफर अदीप टंडन ने कहा कि लघु फिल्में आपकी सोच को दर्षाती है क्योंकि आप बहुत कम समय में अपने विचारों का पूरा निचोड़ डाल देते हैं। सतीष अग्रवाल ने कहा जो भी अपने भविष्य के लिए सोचो उसमें अपनी पूरी मेहनत लगा दो तभी आप को उसका फल मिलेगा।
अंत में संदीप मारवाह ने आए हुए अतिथियों को अंतराष्ट्रीय फिल्म एंड टेलीविजन की आजीवन सदस्यता प्रदान की। इस अवसर पर ओमवीर तोमर ने अपनी लिखी हुई किताब कुछ नये ख्वाब तामीर करो संदीप मारवाह को भेंट की।
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