इंडस्ट्री का पाॅलुटेड वाॅटर छीन रहा लाइफ

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इंडस्ट्री का पाॅलुटेड वाॅटर छीन रहा लाइफ ग्रेटर नोएडा। उद्योगों से निकला प्रदूषित पानी लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। प्रदूषित पानी पीने से कैंसर जैसा घातक बीमारी हो रही है, जिससे कइयों की अब तक जान जा चुकी है। ग्रामीण लगातार प्रदूषित पानी की शिकायत कर रहे हैं। जिस पर प्रदूषण विभाग द्वारा उद्योगों से सटे गांवों में हैंडपम्पों के पानी का सैम्पल लेगा। ग्रेटर नोएडा का पानी नोएडा की अपेक्षा बेहतर माना जाता है। आज भी ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी ग्राउंड वाॅटर ही लोगों घरों में सप्लाई करती है। मगर अथाॅरिटी ग्राउंड वाॅटर 350 मीटर नीचे से निकालती है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा नहीं है। यहां पर अधिकतम 250 मीटर नीचे हरियाणा माॅर्का की हैंड पम्प लगे हैं। जिसका पानी भी प्रदूषित हो गया है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा में तकरीबन 497 उद्योग हैं, जो जिला उद्योग केन्द्र (डीआईसी) से पंजिकृत हैं। ग्रेटर नोएडा नाॅन पाॅलुटेड शहर है और यहां पर नाॅन पाॅलुटेड इंडस्ट्री ही बसाई जा सकती हैं। इसके बावजूद उद्योगों से प्रदूषित फैल रहा है। सूरजपुर औद्योगिक एरिया में कई केमिकल की इंडस्ट्री हैं। लेदर की इंडस्ट्री के साथ कुछ रंगों की फैक्ट्री भी हैं, जहां से बगैर शोधित किए पानी को नालों में बहा दिया जाता है। जबकि कुछ इंडस्ट्री केमिकल युक्त पानी को बोरबेल के जरिए जमीन के अंदर डाल रही हैं। जमीन के अंदर पानी डालना ही लोगों की सेहत को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उद्योगों का कैमिकल युक्त पानी उनकी हैंडपम्प में आ रहा है, जिसे पीने से कैंसर जैसा घातक रोग हो रहा है। ग्रेटर नोएडा के आधा दर्जन गांव उद्योगों के केमिकल युक्त पानी को पीने को मजबूर हैं। इसमें बील अकबरपुर, सादेापुर, बादलपुर, दुजाना, देवला, नई बस्ती, सूरजपुर जैसे गांव हैं, जहां आबादी लाखों में है। यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि केमिकल युक्त पानी पीने से हुए कैंसर में कइयों की जान जा चुकी है और कई दर्जन लोग कैंसर से पीडि़त हैं। ग्रामीणों की माने तो दर्जनों बार इसकी शिकायत की जा चुकी है, मगर कार्रवाई नहीं हो सकी। सूरजपुर में एक मिल की वजह से लोग खासे परेशान हैं। यहां रात में केमिकल युक्त धुंआ बाहर रखे कपड़ों आदि पर चिपक जाता है। इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। प्रदूषण विभाग के जुनियर इंजीनियर सत्य विजय वर्मा का कहना है कि देवला, बील अकबरपुर और सूरजपुर गांव से हाल में शिकायत आई है। इन गांवों में स्थित इंडिया माॅर्का हैंडपम्पों के वाॅटर सैम्पल लिए जाएंगे। बील अकबरपुर से 16 सैम्पल को कलेक्ट कर जाॅंच हेतु नोएडा लैब में मे भेज दिया गया है।

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