कांफिडेस बहुत जरूरी है लेकिन ओवर कांफिडेंस खतरनाक – धर्मेष दर्षन

Galgotias Ad

फिल्म उद्योग एक महासागर की तरह है जिसमें उतार चढ़ाव आते रहते हैं पैसा और शोहरत कभी किसी के पास टिक कर नहीं रहती, यह कहना है राजा हिन्दुस्तानी, धड़कन, मेला व लुटेरा जैसी फिल्मों के निर्देषक धर्मेष दर्षन का। मारवाह स्टूडियो में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक सिनेमा व उसके चाहने वाले हैं तब तक सिनेमा में सहमति व असहमति आती रहेगी। छात्रों को सिनेमा के बारे में बताते हुए कहा कि अगर आपको सिनेमा की ऊचांइयों तक पंहुचना है तो आपको कड़ी मेहनत व संघर्ष करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। उन्होंने मारवाह स्टूडियो के बारे में बताते हुए कहा कि बाॅलीवुड में यहां के छात्रों की संख्या दिनो दिन बढ़ती जा रही है और इसका श्रेय संदीप मारवाह को जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने अपने संस्थान में अंतराष्ट्रीय स्तर की तकनीक के सभी इंतजाम किये हुए है।
इस अवसर पर मारवाह स्टूडियो के निदेषक संदीप मारवाह ने कहा अच्छी फिल्म वही बना सकता है जिसमें विनम्रता हो क्योंकि विनम्र होकर ही वह एक छोटे कलाकार से बड़ा काम करवा सकता है और यह क्वालिटी धर्मेष दर्षन में बाखूबी नजर आती है। इनकी कोई भी फिल्म देख लो उसमें कहानी, गाने व फिल्मांकन कहीं पर भी ओवर नजर नहीं आता। यह एक अच्छे निर्देषक की निषानी है। यह हमारे संस्थान के छात्रों के लिए बहुत अच्छा अवसर है कि वह फिल्म निर्देषन के बारे में बारीकियां सीख सकें और अपनी षिक्षा को एक अच्छा मुकाम दे सकंे। धर्मेष दर्षन ने कहा कोई भी फिल्म सिर्फ कहानी पर टिकी नहीं होती उसमें बहुत सारे तथ्य जुड़े होते हैं जैसे कलाकार, निर्देषक, स्पाॅट ब्याॅज, कैमरामैन आदि।

Comments are closed.