काम करके पढ़ाई करते हैं कई छात्र

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ग्रेटर नोएडा। छात्रवृत्ति की राह देख रहे उन विद्यार्थियों पर भारी पड़ने वाली है, जो अपने बल बूते पढ़ाई कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के विभिन्न काॅलेजों में कई ऐसे विद्यार्थी हैं, जो रात में नौकरी करके अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल रहे हैं। ऐस विद्यार्थियों को सबसे अधिक चिंता सताने लगी है कि यदि पैसा नहीं मिला तो वह फीस कैसे जमा करेंगे।
जिलाधिकारी से शिकायत कर्ता ने छात्रवृत्ति वितरण में फर्जीवाड़े की शिकायत की है। जिसके बाद फंड को वापस किया गया था। लेकिन कुछ फर्जीवाड़े का खामियाजा जिले के सैकड़ों ऐसे विद्यार्थियों को भी भुगतना पड़ रहा है, जो मेहनत मजदूरी करके अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा स्थित नाॅलेज पार्क में करीब डेढ लाख बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन सभी अमीर परिवार से ही ताल्लुक नहीं रखते हैं। यदि बच्चों की आर्थिक हालात की जानकारी की जाए, तो काफी चैकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। कई काॅलेजों में ऐसे स्टूडेंट्स भी हैं, जो स्वयं काम करके अपना खर्च निकालते हैं। रात में विद्यार्थी काम करते हैं और दिन में क्लास करते हैं। पार्ट टाइम जाॅब करके वह अपनी किसी तरह से खर्च निकाल पा रहे है। जिन्हें अब फीस जमा करने का दबाव पड़ रहा है। ऐसे स्टूडेंट का कहना है कि वह अपना खर्च किसी तरह निकाल पाते हैं। फीस कहां से जमा करेंगे। छात्रों का कहना है कि यदि फीस नहीं मिली तो वह परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे और उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा। बी.एड. कर रहे स्टूडेंट बांदा जिला निवासी स्टूडेंट्स के माता-पिता की मौत हो चुकी है। काउंसलिंग के जरिए एडमिशन हुआ है। उसके पाकेट खर्च देने वाला भी कोई नहीं है। लिहाजा दिन में क्लास करता है और रात में पेंटिंग का काम करके अपना खर्च निकालता है। वहीं, बलिया निवासी स्टूडेंट राजू का कहना है कि उसके पैरेंट्स बेरोजगार हैं। वह अपना खर्च निकालने के लिए फेस टू स्थित एक कंपनी में नौकरी करता है। उसका कहना है कि यदि फीस शासन से नहीं मिलती है, तो वह पढ़ाई छोड़ देगा।

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