केजरीवाल की कथनी एवं करनी में अंतरः- सिरसा

Galgotias Ad

शिरोमणी अकाली दल के विधायक एवं दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने दिल्ली के पुर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर तीखे शब्दी हमले करते हुए उनकी कथनी एवं करनी पर भी सवाल खड़े किए है। केजरीवाल द्वारा लोकपाल बिल का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर भागने पर सिरसा ने केजरीवाल को पल्टूराम करार देते हुए कहा कि इस्तीफा देने के साथ ही केजरीवाल ने स्ंवय उप राज्यपाल को विधानसभा भंग करने की सिफारिश भेजी थी, परन्तु जब उपराज्यपाल ने उस सिफारिश को मानने से इंकार कर दिया तो केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा भंग करने की अर्जी लगा दी पर फिर अब लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को दिल्ली में मिली करारी हार के बाद कल उप राज्यपाल को मिलकर फिर से विधानसभा भंग ना करने की सिफारिश करना केजरीवाल की कथनी एवं करनी के भेद को खोलने के लिए काफी है।
केजरीवाल को राज का भुखा एवं सिद्धांतो से भगोड़ा करार देते हुए सिरसा ने कहा कि यह इंसान सुबह कुछ कहता है और शाम को कुछ कहता है परन्तु जब इन्होंने सरकार छोड़ी थी तो दावा किया था कि हम राज करने को लिए नही अपितु व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए आएं है परन्तु अब राज के लिए फिर से इनका तडफड़ाना इनके चेहरे से नकाब उतारने के लिए काफी है।
दिल्ली के लोगो से सरकार छोड़ने पर केजरीवाल द्वारा आज मांगी गई माफी का जि़क्र करते हुए सिरसा ने कहा कि दिल्ली के लागो ने तो केजरीवाल को सेवा करने का अवसर दिया था परन्तु यह स्ंवय ही अपने गैर व्यवहारिक वायदो को पूरा करने में नाकाम रहने के कारण राज से भगोड़े हो गए थे। 1984 सिख कत्लेआम पर केजरीवाल द्वारा एस.आई.टी. बनाने को नौटंकी करार देते हुए सिरसा ने सिखो से सवाल पुछा कि क्या केजरीवाल की एस.आई.टी. अस्तित्व में आ गई है ? केजरीवाल सरकार के दायरे से एस.आई.टी. बनाने को बाहर होने की दलील देते हुए सिरसा ने उसको बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी को भी जरूरी बताने के साथ ही संगतों को केजरीवाल के बहकावे में ना आने की अपील भी की।

Comments are closed.