छात्रवृत्ति घोटाले मे कइयों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
छात्रवृत्ति वितरण मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पूर्व समाज कल्याण अधिकारी और 14 काॅलेज प्रबंधकों की गिरफ्तारी को लेकर अटकलें तेज हो गई है। पुलिस जांच को तेज कर दी है। सोमवार से जांच में और तेजी आ जाएगी और उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह तक कइयों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
गौरतलब है कि स्काॅलरशीप मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर कोतवाली सूरजपुर में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी कृष्णा प्रसाद और बाबू तारीक के अलावा 14 काॅलेजों के खिलाफ फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर के बाद कोतवाली पुलिस ने जांच एसआई बलवान सिंह को सौंपी है। जांच अधिकारी बलवान सिंह ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट की गई है। अभी प्राथमिक जांच चल रही है। जिलाधिकारी द्वारा जांच कमिटी की रिपोर्ट नहीं दी गई है। जांच कमिटी से वह रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद उसका अध्ययन करेंगे और काॅलेजों के साथ तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी कृष्णा प्रसाद और बाबू तारीक से पूछताछ की जाएगी। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के चलते वह पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन सोमवार से जांच तेज हो जाएगी। उन्होंने बताया कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है, तो सभी आरोपियों की गिरफ्तारी भी की होगी। जैसे ही उन्हें आरोपों का प्रमाण मिलेगा, सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अभी सिर्फ अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की शिक्षण सत्र 2012-13 की जांच पूरी हुई है। जिसमें करीब 150 स्टूडेंट्स की जांच हुई और इसमें करीब 52 स्टूडेंट्स के खाते बदले गए हैं। सूत्रों की माने तो काॅलेजों ने अपने लेटर पैड पर अकाउंट बदलने के लिए एप्लीकेशन दिया था। जिसके बाद अकाउंट बदल कर पैसा ट्रांसफर किया गया। इन अकाउंट की जांच की गई तो करीब 48 स्टूडेंट्स फर्जी पाए गए हैं, जिनका एडमिशन उक्त काॅलेज में नहीं पाया गया है या काॅलेज उनके एडमिशन का प्रूव दिखाने में असफल रहे हैं। इस तरह करीब 40 लाख रुपए तक के फर्जीवाड़े की उम्मीद है। वहीं, समान्य और अनुसूचित जति के स्टूडेंट्स की जांच भी सोमवार से शुरू होने जा रही है।
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