जनपद की सीट पर प्रतिष्ठा की लड़ाई -भाजपा, बसपा और सपा प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत

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ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर संसदीय सीट आज होने वाले मतदान में सपा, बसपा और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। तीनों ही दलों के प्रत्याशियों के लिए यह चुनाव काफी मायने रखता है। मायावती का गृह जनपद होने के कारण जहां बसपा यह सीट जीने की जद्दोजहद कर रही है, रमेश चंद तोमर को कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल होने के बाद डाॅक्टर महेश शर्मा को जीत हासिल करना जरूरी हो गया है। जबकि स्थानीय स्तर पर अच्छी छवि और पहचान बनाने वाले नरेन्द्र भाटी के लिए यह चुनाव अशोक प्रधान और सुरेन्द्र सिंह नागर के पार्टी में शामिल होने के बाद काफी अहम हो गया है।

गौतमबुद्ध नगर संसदीय सीट को जीतने के लिए बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने पूरी जोर लगा दिया है। तीनों ही दलों के प्रत्याशियों द्वारा हर पैंतरेबाजी अपनाई गई है। ताकि मतदाता उनके पक्ष में एकमुश्त वोट कर सकें। इसके साथ ही तीनों ही दलों के प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर गांव बीएसपी सुप्रीमो मायावती का पैतृक गांव है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीएसपी कंडीडेट सुरेन्द्र सिंह नागर ने करीब 15 हजार वोट से बीजेपी कंडीडेट डाॅ. महेश शर्मा को पटखनी दी थी। लेकिन इस बार बीएसपी का कंडीडेट बदल गया है। सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर के एसपी में शामिल होने के बाद बीएसपी ने सतीश अवाना को मैदान में उतारा है। गत 5 अप्रैल को बुलंदशहर हुई रैली के दौरान बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भावनात्मक अपील करके जनपद के वोटर्स को भावुक करने करने की कोशिश की थीं। मायावती की अपील के बाद यह तय हो गया है कि बीएसपी की प्रतिष्ठा दांव पर है। सुरेन्द्र नागर के एसपी में शामिल होने और स्थानीय मुद्दों को हवा दे रहे कंडीडेट नरेन्द्र भाटी का राजनीतिक कॅरियर भी इस बार दांव पर लगा हुआ है। बीजेपी कंडीडेट डाॅ. महेश शर्मा के लिए चुनाव जीतना सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो चुका है। क्योंकि कांग्रेस कंडीडेट रमेश चंद तोमर के बीजेपी में शामिल होने के बाद महेश शर्मा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है।

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