जिले में 50 फीसदी कम होंगे प्राॅपर्टी के सर्कल रेट – प्राॅपर्टी मूल्यांकन नियमावली में संशोधन के बाद आएगी कमी

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ग्रेटर नोएडा। जिले में संपत्ति मूल्यांकन नियमावली के संशोधन के बाद जमीन की कीमतों मे भारी गिरावट आने की उम्मीद है। इसके लिए शासन ने सुझाव मांगे थे, जो स्टाम्प विभाग ने भेज दिया है। साथ ही मार्केट रेट से अधिक संपत्ति की कीमत होने के कारण जिनकी रजिस्ट्री नहीं हुई है, उसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
बता दें कि प्रदेश में संपत्ति मूल्यांकन नियमावली 1997 में प्रभावी है। इसके अनुसार औद्योगिक, संस्थागत और व्यवसायिक संपत्ति के सर्कल रेट उसके किराए और किराए का 300 गुना मान कर तय किये जाते है। जिसके चलते जिले में संपत्ति की कीमत मार्केट से करीब 2 गुना अधिक हो चुकी है और इसी के चलते निवेशक यहां पर निवेश करने से पीछे हट रहे हैं। शासन इसमें संशोधन करने जा रहा है और इसके लिए सुझाव मांगे गए थे। एआईजी स्टाॅम्प द्वितीय एस.एन. राय ने बताया कि विभाग ने अपना सुझाव भेज दिया है। सुझाव के तहत अब जमीन की कीमत और उसके कंस्ट्रक्शन की लागत को मिलाकर सर्कल रेट तय किया जाएगा। श्री राय ने बताया कि बीते सप्ताह स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिले के सब रजिस्ट्रार और एआईजी के साथ मीटिंग की थी। जिसमें प्रमुख सचिव ने दोनों जिलों में मार्केट रेट से प्राॅपर्टी की कीमत अधिक होने के कारण रूकी हुई रजिस्ट्री की रिपोर्ट मांगी है। एस.एन. राय ने बताया कि जिले में करीब 3 हजार प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री इसके चलते नहीं हो सकी है।

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