नेफोमा की याचिका पर फ्लैट कैंसिल करने को लेकर ग्रेनो वेस्ट के चार बिल्डरों के खिलाफ हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 4 फ़रबरी को होगी।

Galgotias Ad

 

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पुराने बायर्स के फ्लैट कैंसिल करने वाले बिल्डरों खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट मे नेफोमा की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 4 फ़रबरी को होगी।

 

गौरतलब है कि साल 2010 में नोएडा एक्सटेंशन (अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट) के नाम से टाउनशिप बसाने का प्रचार कर बिल्डरों ने बड़ी संख्या में फ्लैट बुक कर लिए। 1800 से 2000 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से मिलने वाले फ्लैटों के लिए बायर्स ने भी खूब दिलचस्पी दिखाई। बाद में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया। कोर्ट के आदेश के बाद ज्यादातर बिल्डरों को निर्माण कार्य बंद करना पड़ा। इसके बाद 2012 में किसानों को बढ़ा मुआवजा देने की शर्त पर बिल्डरों को दोबारा निर्माण कार्य शुरू करने की इजाजत मिलने के बाद पुराने बायर्स की मुसीबतें बढ़ गईं। बिल्डरों ने बड़ी संख्या में बायर्स के फ्लैट कैंसिल कर दिए। कारण था, पहले जहां दो हजार रुपए की दर से फ्लैट बुक हुए थे वहीं 2012 में यह कीमत बढक़र साढ़े तीन हजार से चार हजार के रुपए वर्ग फुट हो गई थी। बिल्डरों द्वारा फ्लैट कैंसिल करने को लेकर नेफोमा ने बायर्स के साथ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।

 

नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया कि याचिका पर हाईकोर्ट ने बिल्डरों से बायर्स की डिमांड स्वीकार करने को कहा था, लेकिन बिल्डरों ने कोर्ट का आदेश नहीं माना। इसके बाद नेफोमा ने अवमानना याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने चार बिल्डरों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए थे। उसके बादबिल्डरों ने हाईकोर्ट मे कहा कि हम बायर्स को फ्लैट देने को तैयार है, जब फ्लैट बायर्स बिल्डरों के पास गये तो उनको कहा गया कि आप फ्लैट ले लो लेकिन नए रेट पर, बिल्डरों ने माननीय हाईकोर्ट के साथ साथ फ्लैट बायर्स को भी तीन साल से गुमराह किया है

Comments are closed.