नोएडा प्राधिकरण की किसानो के साथ धोके की दास्तां

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नोएडा मे किसानो की जमीनों पर अवैध निमार्ण करना यहां कि कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी कई बार किसानों को उनकी ही जमीन से हाथ धोना पड़ा है। किसानों का एकमात्र सहारा है उसकी जीमन यदि वहीं उससे छिन जाए तो किसान किया करेगा। यहीं हाल है तीन गांवो मे रहने वाले 14 किसानों का जो कि पिछले कई वर्षो से अपनी ही जीमन के लिए नोएडा प्राधिकरण से लड़ रहे हैं। लड़ रहे हैं। लेकिन प्राधिकरण इन्हे बार-बार गोलमोल जवाब देकर धोखा दे रहा है।

 

नोएडा जिले में आने वाले होशियारपुर शरफाबाद व सोरखा के किसानों को प्राधिकरण ने कई बार गोलमोल जवाब दिया है। लेकिन उन्हें उनकी ही जमीन के बदले पैसा नही दिया जा रहा है। जब्कि नोएडा प्राधिकरण ने इस जीमन को बेच दिया है। और इस जमीन पर बिल्डिंग भी बनकर तैयार हो गई हैं। लेकिन प्राधिकरण की ओर से पिड़ी 14 किसानों को अब तक प्राधिकरण ने मुआवजा नही दिया है। अपनी इस परेशानी को लेकर अब तक किसान कई बार शान्ति पूर्वक धरना प्रदर्शन कर चुके है।

 

 

 

 

 

मगर प्राधिकरण के कानों मे कोई असर नही पड़ रहा है। पिड़ीत किसानो के मुताबिक जब भी प्रदर्शन करते है। तब प्राधिकरण के कुछ अधिकारी तो आते हैं, और हर बार आश्वासन देकर चले जाते है। इन अधिकारीयों के आश्वासन पर ही  कई बार किसानों ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। प्राधिकरण के दोखे का आलम तो यह है कि जब किसानों ने जमीन के बदले मुआवजे की मांग की थी तो यहां खेत थे। लेकिन आज यहां बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तैयार हो चुकी है। लेकिन पिड़ीत किसान आज भी मुआवजे की लिए लड़ रहे हैं।

 

पिडीत किसानों ने साफ कर दिया है। कि इस बार जब तक नोएडा प्राधिकरण की तरफ से कोई ठोस या लिखित रूप मे प्रति प्राप्त नहीं होती है। तब तक एक भी किसान धरने पर से उठने वाला नहीं है। पिड़ीतों में धरने पर बैठने वालों मे ब्रहमपाल, छेलराम, मेनपाल, मुकेश, सुरेश, रामनाथ, सुखपाल, कालू, देवीराम, राजपाल, सुखराम, ब्रहमपाल, घनश्याम सिंह किसान शामिल हैं।

 

 

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