पहले चुनाव और अब इंतजार में परेशान नेताजी

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ग्रेटर नोएडा;सतेन्द्र सिंहद्ध लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले तक नेताजी को चुनाव आयोग से तारीखें जारी होने की बेसब्री से इंतजार था। जब चुनाव संपन्न हो गया है, तो मतगणना में लम्बा दायरा होने के कारण नेताजी से इंतजार नहीं हो रहा है। एक एक दिन नेताजी पर भारी पड़ रहा है और रात है कि कटती नहीं है।
चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों से एक नहीं बल्कि कई प्रत्याशियों द्वारा टिकट के लिए हाई कमान के यहां सिफारिशें लगी हुई थी। चुनाव आयोग का इंतजार किया जा रहा था कि कब चुनाव की तारीखों की घोषणा हो जाए। चुनाव आयोग ने तारीखें तय कर दी, तो सभी दलों ने अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए। एक महीने तक नेताजी द्वारा जमकर चुनाव प्रचार किया गया। एक-एक घर जाकर नेताजी ने वोट मांग। भले ही नेताजी उन घरों तक आज तक कभी न गए हों, लेकिन उस वोट लेने के लिए बगैर रिश्ते के भी रिश्ते बना लिए गए और वोट मांगे गए। वोट मांगने में नेताजी के पसीने छूट गए। पैरों में छाले पड़ गए। रात को नींद नहीं आई। पैसे का जुगाड़ करने में दर्जनों लोगों के सामने हाथ फेलाने पड़े, तब जाकर व्यवस्था हुई और चुनाव लड़े। लेकिन मतदान होने के बाद उन्हें अब रिजल्ट की चिंता सताने लगी है। जिले में बीजेपी और एसपी के बीच मुख्य लड़ाई है। दोनों में कौन जीतेगा। यह बहस का मुद्दा बना हुआ है। इस चुनाव में सबकी अपनी-अपनी गणित है। नेताजी भी असमंजस में हैं। कहीं से उनके पक्ष में खबर आती है, तो उन्हें खुशी का ठिकाना नहीं रहता है, लेकिन जैसे ही कोई बुरी खबर मिलती है, तो उनका दिल बैठ जाता है। सपा प्रत्याशी अपने ही तरीके से चुनाव में जीत हासिल करने का गुणा भाग लगा रहे हैं। अपने कार्यकर्ताओं को वोट की गणित बैठाने को कहा गया है। कहा गया है कि किन किन बूथों पर गुर्जर मतदाता अधिक है। आखिर एसपी को गुर्जर और मुसलिम मतदाताओं से ही अधिक उम्मीदें है। देहात में पकड़ मजबूत होने का दावा कर रहे एसपी नेताजी अपनी जीत पक्की मान कर चल रहे हैं। लेकिन जैसे ही उन्हें किसी के जरिए खबर मिल रही है कि पंडित और ठाकुर वोट एकतरफा बीजेपी को गया है, तो उनका दिल धक से बैठ जाता है। यही हालत बीजेपी के कंडीडेट की भी है। नेताजी के मातहत 1.5 लाख वोटों से चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं। इनकी भी अपनी गणित है। इनका मानना है कि नोएडा में शहरी वोटर्स किसी के पास नहीं गया है और विकास के लिए बीजेपी को ही वोट किया है। नोएडा में एकमुश्त वोट पड़े हैं। बुलंदशहर स्थित दो विधानसभाओं खुर्जा और सिकंद्राबाद में भी बीजेपी को अच्छे वोट मिलने की उम्मीद है। नेताजी को अनुमान है कि कम से कम 6 लाख वोट को उनकी झोली में गिरे ही हैं। और बीएसपी को तीसरे नम्बर पर लाकर खड़ा कर दे रहे हैं। हाॅंलाकि भाजपा प्रत्याषी नोएडा से सीटिंग एमएलए हैं और पिछली बार लोकसभा चुनाव मे बीएसपी से सिर्फ 14500 वोटों से ही पीछे रहे थे। अब नेताओं को 16 मई का दिन का इंतजार बहुत ही बेसब्री से है । नेताजी का इंतजार इतना तकलीफ पहंुचा रहा है कि वह अपना काम भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। 24 घंटे उनका दिमाग स्ट्रांग रूम में रखी मतपेटिकाओं पर ही लगा रहता है। उन्हें आशंका बनी रहती है कि कहीं कोई मतपेटिकाओं को गायब न कर दे।

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